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यूपी पर्यटन के नक्शे से गायब भदोही में सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी, 26 साल से कागजों पर बनी योजना

भदोही के अति पिछड़े क्षेत्र कोनिया में पुंज के प्रयास से विकास की एक किरण जरूर जुट गया लेकिन सरकारी मदद के अभाव में दशकों बाद भी सीता समाहित स्थल विकास के लिए सिसक रही है। दर्जनों बार कार्ययोजना बनाई गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:10 AM (IST)
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भदोही में पर्यटन स्थल सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी।
भदोही, जागरण संवाददाता। काशी- प्रयाग के मध्य और विंध्य क्षेत्र के गोद में बसे सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी को दशकों बाद भी पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिल सका है। इसके विकास के लिए कई बार कार्ययोजना तो बनाई गई लेकिन उस पर अमल नहीं किया जा सका। यहां पर प्रतिदिन स्थानीय के अलावा हजारों की संख्या में विदेशी मेहमान आते हैं।

धार्मिक ग्रंथों पर नजर डाला जाए तो लंका विजय करने के बाद अयोध्या में रामराज की स्थापना के दौरान जगत जननी सीता निर्वासित कर दी गई थीं। उस दौरान वाल्मीकि आश्रम में माता सीता को रुकना पड़ा था। यहीं पर लव कुमारों का जन्म हुआ था। प्रत्येक वर्ष सप्ताह भर लव कुमारों का जन्म दिवस भी यहां पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यही नहीं इसके उपलक्ष्य में मेला का भी आयोजन सदियों से होता चला आ रहा है। दो दशक पूर्व सत्यनाराण पुंज द्वारा यहां पर विद्यालय और सीता समाहित स्थल को आधुनिक तरीके से विकसित तो किया गया लेकिन सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिल सका। जनपद के अति पिछड़े क्षेत्र कोनिया में पुंज के प्रयास से विकास की एक किरण जरूर जुट गया लेकिन सरकारी मदद के अभाव में दशकों बाद भी सीता समाहित स्थल विकास के लिए सिसक रही है। यह नहीं कि सरकार की ओर से इसके विकास के लिए कोई योजना नहीं तैयार की गई। दर्जनों बार कार्ययोजना बनाई गई। जिला योजना से लाखों रुपये खर्च भी किए गए। बावजूद इसके अभी तक पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिल सका।

करोड़ों का गेस्ट हाउस और मार्केट हब बेकार

सीता समाहित स्थिल सीतामढ़ी के विकास के लिए यहां पर करोड़ों रुपये खर्च कर सरकारी गेस्ट हाउस और मार्केट हब तैयार कराया गया था। उपयोग न होने के कारण भूत बंगला के रूप में तब्दील हो गया। खास बात तो यह है कि वर्षों बाद गेस्ट हाउस और मार्केट हब पर किसी प्रशासनिक अधिकारी की नजर नहीं पड़ी।

यदि इन्हें संचालित करा दिया जाय तो पर्यटकों को सुविधा मिल जाएगी।

मोटर बोट संचालित

सीतामढ़ी में कई वर्ष पूर्व कलेक्ट्रेट की ओर से मोटर बोट उपलब्ध कराया गया था। ताकि पर्यटक उसका उपयोग कर आनंद उठा सकें। मोटर बोट काफी दिनों से खराब था, तत्कालीन जिलाधिकारी विशाख जी के प्रयास से उसे ठीक कराकर चालू करा दिया था।

तत्कालीन डीएम ने भेजी थी कार्ययोजना

तत्कालीन जिलाधिकारी विशाख जी ने सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी के विकास के लिए कार्ययोजना बनाकर पर्यटन विभाग को भेजा था। धीरे-धीरे पांच साल से अधिक का समय गुजर गया लेकिन संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई विचार नहीं किया गया।

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