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Smart Meter: पूर्वांचल में स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर लगेगी लगाम, काशी से होगी निगरानी

पूर्वांचल में बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। वाराणसी में जिनस कंपनी ने सेंटर खोला है जहाँ से गोरखपुर और बस्ती के स्मार्ट मीटरों की निगरानी होगी। उपभोक्ता एक एप के जरिए बिजली खपत की जानकारी रख सकेंगे।विभाग पहले तो स्मार्ट मीटर लगा रहा है जिसे बाद में प्री-पेड मीटर में बदला जाएगा। स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य बिजली चोरी रोकना है।

By Sunil Singh Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 12 Sep 2024 07:59 AM (IST)
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स्मार्ट मीटरों की निगरानी की जाएगी। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तेज हो गया है। इसके साथ ही पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कार्यालय में जिनस कंपनी की ओर से सेंटर खोला गया है। यहां से गोरखपुर एवं बस्ती के स्मार्ट मीटरों की निगरानी की जाएगी।

इसके लिए सर्वर रूम बनाया जा रहा है। एक एप तैयार होगा, जिससे उपभोक्ता व अधिकारी जुड़े रहेंगे। इसके द्वारा उपभोक्ता बिजली खपत की जानकारी रख सकेंगे, जिसकी निगरानी इस केंद्र से की जाएगी। इसके लिए टीम भी तैनात कर दी गई है।

वाराणसी, आजमगढ़, प्रयागराज व मीरजापुर सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में लगभग 5,100 करोड़ रुपये की लागत से 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य बिजली चोरी रोकना है। विभाग पहले तो स्मार्ट मीटर लगा रहा है, जिसे बाद में प्री-पेड मीटर में बदला जाएगा।

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इसे मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज कराना पड़ेगा। रुपये खत्म होते ही बिजली अपने आप कट जाएगी। पूर्वांचल डिस्काम के अधीन 21 जिले आते हैं। इसमें गोरखपुर व बस्ती भी शामिल हैं। इन दोनों जिलों में जिनस कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है। वाराणसी व मीरजापुर मंडल में जीएमआर कंपनी ने यह जिम्मा लिया है। नए स्मार्ट मीटर में मोबाइल चिप लगेगा, जो सीधे सर्वर से जुड़ा रहेगा।

निगम के निदेशक जितेंद्र नलवाया ने बताया कि इस मीटर में पोस्ट व प्रीपेड दोनों का विकल्प होगा। अगर उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान नहीं करता या उसके यहां खपत अधिक है तो इसकी निगरानी मुख्यालय से हो सकेगी। प्रीपेड की व्यवस्था लागू हो जाएगी तो मोबाइल फोन की तरह ही रिचार्ज करना पड़ेगा। उपभोक्ताओं के लिए एक एप भी होगा, जिससे उनके स्मार्ट मीटर जुड़े रहेंगे। इस एप के माध्यम से वे कहीं से भी निगरानी रख सकेंगे।

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