Move to Jagran APP

पुरनियों की विरासत किसी ने बचाई, किसी ने गंवाई, पूर्वांचल की एक दर्जन सीटों पर चुनाव मैदान में थी नई पीढ़ी

इस विधानसभा चुनाव में मऊ सदर और गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में अंसारी परिवार के वारिस जौनपुर के मल्हनी में पूर्व सांसद विधायक मंत्री रहे पारसनाथ यादव मधुबन में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान तो वाराणसी के शिवपुर में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर मैदान में थे।

By Milan KumarEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2022 07:00 AM (IST)
Hero Image
इस विधानसभा चुनाव में सात तो सफल रहे लेकिन पांच ने नईया डुबो दी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल की एक दर्जन सीटों पर पिता से मिली राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी नई पीढ़ी के कंधों पर थी। इनमें से सात तो सफल रहे लेकिन पांच ने नईया डुबो दी। इस चुनाव में मऊ सदर और गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में अंसारी परिवार के वारिस, जौनपुर के मल्हनी में पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री रहे पारसनाथ यादव, मधुबन में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान तो वाराणसी के शिवपुर में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर मैदान में थे।

मऊ सदर सीट पर इस बार 1996 से लगातार जीतते आ रहे जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी ने अपने पुत्र अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा था। उसके बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह ने गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से अपने बेटे सुहेब अंसारी को आगे किया था। दोनों ने बड़ी जीत हासिल कर राजनीतिक रुतबा कायम रखा। वहीं, मऊ की ही मधुबन सीट से रामविलास चौहान ने अपने पिता और भाजपा के कद्दावर नेता रहे बिहार के राज्यपाल फागू चौहान की समृद्ध राजनीतिक विरासत को संभाल लिया है।

जौनपुर में मल्हनी सीट से सात बार विधायक, दो बार सांसद और तीन बार सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्व. पारसनाथ यादव के पुत्र लकी यादव ने बाहुबली धनंजय सिंह को हरा कर पिता की पगड़ी ऊंची कर दी। पूर्व विधायक कैलाश सोनकर की पुत्री रागिनी सोनकर ने मछलीशहर सीट तो शाहगंज सीट पर अपना दल से प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद रहे हरिवंश सिंह के पुत्र रमेश सिंह ने निषाद पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की है। आजमगढ़ के दीदारगंज में बसपा के कद्दावर नेता रहे सुखदेव राजभर के पुत्र कमलाकांत राजभर ने भी पिता की थाती को सपा के टिकट के दम पर बखूबी संभाल लिया है।

दूसरी ओर सुभासपा प्रमुख के पुत्र अरविंद राजभर वाराणसी के शिवपुर से पिता के अरमानों पर खरे नहीं उतर सके। अरविंद पिछले चुनाव में बलिया के बांसडीह से हार गए थे। आजमगढ़ में मेंहनगर में बसपा के पूर्व सांसद डा. बलिराम के पुत्र पंकज कुमार राजनीतिक विरासत गंवा बैठे तो मीरजापुर की सुरक्षित सीट छानबे पर पूर्व सांसद भाईलाल कोल की पुत्री सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल, चंदौली की चकिया सीट पर पूर्व बसपा सांसद गांधी आजाद के पौत्र कीर्ति आजाद, जौनपुर की बदलापुर सीट पर कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे कमला सिंह की प्रपौत्रवधू आरती सिंह चुनाव हार गईं। सोनभद्र की घोरावल सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राजघराने की बहू पूर्व विधायक आनंद ब्रह्मशाह की प्रपौत्रवधू विधेश्वरी सिंह को भी असफलता का मुंह देखना पड़ा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।