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Sringeri Math Varanasi : दस हजार स्वरों में गूंजेगी सौंदर्य लहरी, स्तोत्र पाठ में पीएम नरेन्‍द्र मोदी आमंत्रित

वाराणसी में शृंगेरी मठ की ओर से संपूर्णानंद संस्कृतविश्वविद्यालय के क्रीड़ा प्रांगण में 26 मार्च से आयोजित सौंदर्य लहरी पाठ से सनातन धर्म संस्कृति के प्रति हर धर्म में ज्योति जगेगी। वहीं समूचे विश्व का ध्यान काशी की ओर आकर्षित होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 09:43 PM (IST)
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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 26 मार्च से सौंदर्य लहरी स्तोत्र पाठ का दो दिवसीय आयोजन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : शृंगेरी मठ की ओर से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 26 मार्च से सौंदर्य लहरी स्तोत्र पाठ का दो दिवसीय आयोजन किया जाएगा। भारतीय सनातन परंपरा से नई पीढ़ी को जोड़ते हुए ऊंचाई देने के उद्देश्य से आयोजित खास अनुष्ठान में देश भर से दस हजार से अधिक साधु-संत, बटुक व वैदिक ब्राह्मण जुटेंगे। इसमें किसी एक दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। शृंगेरी मठ की ओर से इसके लिए नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है।

आयोजन के संबंध में मंगलवार को संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनि भवन में बुलाई गई बैठक में शृंगेरी मठ शंकराचार्य के शिष्य शंकर स्वामी ने बताया कि आदि शंकराचार्य ने अपना पूरा जीवन आध्यात्मिक परंपराओं को समृद्ध करने में समर्पित कर दिया था। आदि शंकराचार्य ने वेद और उपनिषद के ज्ञान से संपूर्ण भारत को एकीकृत किया, एकता के भाव से जोड़ा। शास्त्र को उन्होंने साधन बनाया, शस्त्र नहीं बनने दिया। अलग-अलग विचारधाराओं और दर्शन की अच्छी बातों को उन्होंने आत्मसात किया और लोगों को ज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। भविष्य की पीढ़ी के लिए उन्होंने सौंदर्य लहरी की रचना की। एक ऐसी रचना जिससे आम नागरिक जुड़ सका। देवी की स्तुति करते हुए सौंदर्य लहरी में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि ईश्वर के भिन्न-भिन्न स्वरूपों में कोई भेद न किया जाए। शिव-शक्ति-विष्णु-गणपति और कुमार की पूजा को एक साथ करने की परंपरा पर उन्होंने बल दिया। इस प्रकार भारतीय परंपरा को उन्होंने फिर से एक बार पुन:स्थापित किया।

काशी से जगेगी धर्म ज्योति

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय के क्रीड़ा प्रांगण में आयोजित सौंदर्य लहरी पाठ से सनातन धर्म संस्कृति के प्रति हर धर्म में ज्योति जगेगी। वहीं समूचे विश्व का ध्यान काशी की ओर आकर्षित होगा। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी ने किया।

20 मार्च से प्रशिक्षण

कुलपति ने बताया कि सौंदर्य लहरी स्तोत्र पाठ से आमजनों को प्रशिक्षित करने के लिए 20 मार्च से कार्यशाला आयोजित की गई है। प्रशिक्षण देने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से करीब एक हजार से अधिक वैदिक ब्राह्मण काशी आ रहे हैं।

सौंदर्य लहरी के पाठ से स्वास्थ्य व धन का लाभ  

सौंदर्य लहरी पाठ से स्वास्थ्य व धन का लाभ होता है। ज्ञान में भी वृद्धि होती है।

इनकी रही भागीदारी : बैठक में मंगलाचरण प्रो. महेंद्र पांडेय, डा. ज्ञानेंद्र सापकोटा, कुलसचिव डा. ओमप्रकाश, प्रो. रामकिशोर, प्रो. रामपूजन पांडेय, प्रो. हरिशंकर पांडेय, डा. दिनेश गर्ग, डा. ब्रह्मचारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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