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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ को दूध चढ़ाने पर अचानक लगा दी रोक, चौंका रहा तैनात अधिकारियों का रवैया

वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ को दूध चढ़ाने पर अचानक गंदगी होने का हवाला देते हुए रोक लगा दी गई। इस बाबत जानकारी सामने आने के बाद रोष फैलता देख फैसला वापस ले लिया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 12:40 PM (IST)
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बाबा दरबार में दुग्‍धाभिषेक पर रोक लगाने से भक्‍त नाराज हो गए।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। बाबा दरबार में आस्‍था से खिलवाड़ करने में अधिकारियों का गैर जिम्‍मेदाराना रवैया ही अधिक सामने आ रहा है। मंगलवार को भी अधिकारियों का फरमान आस्‍था पर भारी पड़ गया। मगर जब बात सामने आने लगी तो चुपचाप आदेश वापस भी ले‍ लिया गया। मन्दिर की पूजा परम्परा में होने वाली छेड़ - छाड़ से भक्त आहत हैं। कुछ माह पूर्व रुद्राभिषेक की थाल में पूजा सामग्री की कटौती होने के बाद मंदिन के प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली कठघरे में आ गई थी। इस बाद अधिकारियों के मनमानी की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय नेमी दर्शनार्थी करने जा रहे हैं। 

दरअसल मंगलवार की सुबह चार बजे से दिन में सुबह 10:30 बजे तक भक्‍त बाबा को दूध नहीं चढ़ा पाए। इसके पीछे एक अधिकारी का आदेश बताया गया। अधिकारी ने दूध से गंदगी होने की बात कहते हुए अचानक दुग्‍धाभिषेक पर रोक लगा दी। इसके बाद परिसर में आने वाले आस्‍थावानों में चर्चा शुरू हुई तो बात बाहर आने लगी। इसके बाद आनन फानन आदेश को वापस लेते हुए दुग्‍धाभिषेक को शुरू करा दिया गया। 

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में जहां लाखों भक्त दर्शन आस्था के साथ रोज हाजरी लगाते हैं। श्रद्धालु अपने साथ बाबा विश्वनाथ की पूजा के लिए हेतु दूध, जल और फूल- फूल आदि चढ़ावे रूप में बाबा को अर्पित करते हैं। वहीं दूसरी तरफ भक्तों की आस्था के साथ बाबा की पूजा पद्धति से भी छेड़छाड़ अक्सर ही सामने आता है। मंदिर के प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार दूध का चढ़ावा बाबा को प्रिय है। उसे भी बीते सोमवार की शाम को एक मंदिर अधिकारी के मौखिक आदेश से गर्भ गृह में दूध का प्रयोग बंद करा दिया गया था।

मंगलवार की सुबह जब भक्तों द्वारा बातें बाहर आने लगीं तो रोक हटा दी गई। दूध प्रयोग बन्द करने की सूचना पर जब बातें बढ़ने लगीं तो पता चला कि दूध से गन्दगी होती थी। इस पर इतना बड़ा निर्णय बिना आम सहमति के लिया गया। बाबा के पूजन की परम्परा को गन्दगी से जोड़ कर अपनी मनमानी करने वाले अधिकारी द्वारा आस्‍था से खिलवाड़ करने की घटना से आस्‍थावान आहद भी दिखे। मन्दिर में दर्जनों सेवादार रखे गये हैं। पर यह सफाई के बजाय बाबा दरबार के गर्भगृह द्वार पर आने वाले भक्तों को टीका लगाते हैं और धन उगाही का कार्य करते देखे जाते हैं। जबकि मंदिर के पूजा पाठ सम्बन्धित सैकड़ों निःशुल्क शास्त्रियों को रखा गया है।

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