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काशी का सबसे बड़ा घाट जिसका उपराष्ट्रपति ने किया लोकार्पण; एक साथ की जा सकती है तीन हेलिकॉप्टर्स की लैंडिंग

वाराणसी स्मार्ट सिटी ने करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से गंगा-वरुणा संगम के बीच खिड़किया घाट पर आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम के रूप में नमो घाट का विकास किया है। कार्यदायी संस्था इंजीनिययर्स इंडिया लिमिटेड ने नमो घाट का निर्माण दो फेज में किया। पहले चरण में 66 मीटर 68 मीटर 70 मीटर व 72 मीटर घाट का निर्माण हुआ।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 15 Nov 2024 06:41 PM (IST)
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सीएम योगी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नमोघाट को काशी के सबसे बड़े घाट के रूप में विकसित किया गया है। करीब एक किलोमीटर लंबे व 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले घाट पर हेलीपैड भी है। 9700 वर्गमीटर के मल्टीपरपज ग्राउंड पर एक साथ तीन हेलीकाप्टरों की लैंडिंग की जा सकती है। इसके अलावा, विसर्जन कुंड, किड्स प्ले एरिया, वाटर स्पोट्र्स, रैंप सहित अन्य सुविधाएं है।

गंगा आरती के लिए 5000 वर्गमीटर का विशेष क्षेत्र

वाराणसी स्मार्ट सिटी ने करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से गंगा-वरुणा संगम के बीच खिड़किया घाट पर आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम के रूप में नमो घाट का विकास किया है। कार्यदायी संस्था इंजीनिययर्स इंडिया लिमिटेड ने नमो घाट का निर्माण दो फेज में किया। पहले चरण में 66 मीटर, 68 मीटर, 70 मीटर व 72 मीटर घाट का निर्माण हुआ।

गंगा आरती के लिए 5000 वर्गमीटर का विशेष क्षेत्र, 500 सीटों का ओपेन थिएटर, वाकिंग एरिया, फूड कोर्ट, दो पहिया व चार पाहिया वाहनों के लिए पार्किंग (150 कारों की क्षमता), सीएनजी फ्यूलिंग स्टेशन, बोट्स के लिए बोर्डिंग और डिबोर्डिंग की सुविधा, शौचालय, राज घाट से 200 मीटर की कनेक्टिविटी सड़क का निर्माण, सावेनियर प्लाजा, शुद्ध पेयजल के लिए आरओ की सुविधा, 25 फीट ऊंची 'नमस्ते' स्कल्पचर का निर्माण कराया गया।

नमोघाट की कनेक्टिविटी को 1200 मीटर पाथवे

दूसरे फेज में 250 वर्गमीटर का रेस्टोरेंट, 400 वर्गमीटर का वीआइपी लाउंज, शौचालय ब्लाक, 9700 वर्गमीटर के मल्टीपरपज ग्राउंड, विसर्जन कुंड, 500 वर्गमीटर में किड्स प्ले एरिया, 3000 वर्गमीटर में वाटर स्पोर्ट्स, ग्रीन कारिडोर व आदिकेशव घाट से नमोघाट की कनेक्टिविटी को 1200 मीटर पाथवे बनाया गया। दूसरे फेज में ही नमो घाट पर 75 फीट ऊंचा नमस्ते स्कल्पचर बना। पहले फेस में नमो घाट पर 'नमस्ते' के तीन स्कल्पचर बनाए गए हैं।

हेली टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

नमोघाट पर हेलीपैड बाढ़ रेखा के उच्चतम स्थान पर बहुउद्देश्यीय परपज के लिए बनाया गया है। इसका हेली टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ आपदा व आपातकाल में भी पयोग किया जाएगा।

नमोघाट से सीधे बाबा का दर्शन

नमो घाट पर उतरने के बाद पर्यटक सीधे जलमार्ग से बगैर ट्रैफिक में फंसे विश्वनाथ धाम जा सकते हैं। यह एक मात्र ऐसा घाट है जो दिव्यांगों के लिए भी समर्पित होगा। घाट पर सड़क से व्हील चेयर से दिव्यांगजन सीधे मां गंगा के पास पहुंच सकते हैं।

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