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नेपालियों की आबादी के मातृ वंश के अध्ययन में सामने आया उत्‍पत्ति का स्‍थान, खुला हिमालय का अनसुलझा रहस्‍य

Nepalese revealed the place of origin नेपालियों के उत्‍पत्ति का रहस्‍य अब अनसुलझा नहीं रह गया है। जीन विज्ञानी के अनुसंधान में जो परिणाम सामने आया है वह नेपाली लोगों के इतिहास के लिहाज से काफी चौंकाने वाला साबित हुआ है।

By Mukesh Chandra SrivastavaEdited By: Abhishek sharmaUpdated: Tue, 18 Oct 2022 11:44 AM (IST)
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नेपालियों के उत्‍पत्ति का स्‍थान नई जानकारी में सामने आया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। सेलुलर व आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) हैदराबाद के सहयोग से काशी हिन्दू विश्विद्यालय के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने नेपाल की आबादी के मातृ वंश का अध्ययन किया है। यह शोध 15 अक्टूबर को ह्यूमन जेनेटिक्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन से पता चला है कि नेपालियों के प्राचीन अनुवांशिक डीएनए को धीरे-धीरे विभिन्न मिश्रण एपिसोड द्वारा बदल दिया गया था। साथ ही दक्षिणपूर्व तिब्बत के रास्ते 3.8 से 6 हजार साल पहले लोगों के हिमालय पार करने के प्रमाण मिले है।

नेवार और मगर जैसे तिबेतो-बर्मन समुदायों की ऊंचाई पर रहने वाले तिब्बतियों/शेरपाओं से डीएनए के आधार पर काफी विभिन्नता दिखती है। इतिहास, पुरातात्विक और आनुवंशिक जानकारी का उपयोग करते हुए इस अध्ययन ने हमें नेपाल के तिबेतो-बर्मन समुदायों के जनसंख्या इतिहास को समझने में मदद की है। इस तरह का अध्ययन प्रारंभिक मानव माइग्रेशन और विभिन्न आबादी की आनुवंशिक समानताएं स्थापित की बेहतर समझ के लिए सहायक है।

प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि "नेपाली लोगों पर यह पहला सबसे बड़ा अध्ययन है। जहां नेवार, मगर, शेरपा, ब्राह्मण, थारू, तमांग व काठमांडू व पूर्वी नेपाल की आबादी सहित नेपाल के विभिन्न जातीय समूहों के 999 व्यक्तियों के माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए सीक्वेंस का विश्लेषण किया है। पाया गया है कि अधिकांश नेपाली आबादी ने हिमालय के ऊंचाई पर रहने वाले लोगों की तुलना में तराई की आबादी से अपने मातृ वंश को प्राप्त किया है।

अध्ययन के सह-लेखक प्रो. चौबे ने कहा कि भारत और तिब्बत के साथ नेपाल के सांस्कृतिक संबंध उनके अनुवांशिक इतिहास में भी परिलक्षित होते हैं। इस अध्ययन से प्राप्त परिणामों ने शोधकर्ताओं को इतिहास और अतीत की डेमोग्राफ़िक घटनाओं के बारे में कई घटनाक्रमों को पता करने में मदद की जिसने वर्तमान नेपाली आनुवंशिक विविधता को बनाया।

हिमालय क्षेत्र का मुख्य भाग होने के कारण नेपाल दक्षिण व पूर्व एशिया के लोगों के डीएनए के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है। नेपाल की हिमालय पर्वत शृंखला ने मनुष्य के माइग्रेशन के लिए एक बैरियर का काम किया है। साथ ही इसकी घाटियों ने निरंतर व्यापारिक से रूप लोगों को जोड़ने का काम किया है। इन ऐतिहासिक हिमालयी व्यापार मार्गों के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व के बावजूद, इस क्षेत्र के लोगों के डीएनए और माइग्रेशन के बारे में बहुत कम जानकारी है।

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