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वाराणसी में अमूल प्लांट के निर्माण में आ गई काफी तेजी, इस साल दिसंबर तक मिल्क पाउडर का उत्पादन

विधानसभा चुनाव से पहले 23 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करिखयांव में बनास काशी संकुल (अमूल) की अधारशिला रखी। इसके बाद से पूर्वांचल क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। प्लांट की जमीन पर इधर बीच कार्य तेजी से हो रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 08:10 AM (IST)
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विधानसभा चुनाव से पहले 23 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने करिखयांव में बनास काशी संकुल (अमूल) की अधारशिला रखी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : विधानसभा चुनाव से पहले 23 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करिखयांव में बनास काशी संकुल (अमूल) की अधारशिला रखी। इसके बाद से पूर्वांचल क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। प्लांट की जमीन पर इधर बीच कार्य तेजी से हो रहा है। हालांकि बरसात कार्य में रूकावट डाल रही है बावजूद तय लक्ष्य मार्च 2024 से पहले प्लांट के मूर्तरूप लेने का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं दिसंबर, 2023 तक अमूल पाउडर उत्पाद की भी बात कही जा रही है।

कार्यदायी संस्था श्रीगणेश कारपोरेशन नौसारी गुजरात के अधिकारी व बनास डेयरी के अधिकारी निर्माण कार्य को गति प्रदान करने के लिए करखियांव प्लांट परिसर में डेरा डाले हुए है। बाउंड्रीवाल का निर्माण के बाद अंदर काम शुरू हो चुका है। मानक व गुणवत्ता की परखने के लिए बराबर निगरानी हो रही है।

जिला मुख्यालय से तीस किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी-जौनपुर नेशनल हाइवे से सटे लगभग तीस एकड़ जमीन पर 475 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे इस प्लांट के मूर्तरूप लेने की राह लाखों पशुपालक देख रहे हैं। बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं को इस प्लांट से रोजगार की उम्मीद दिख रही हैं। प्लांट की नींव रखने के दौरान प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि इस प्लांट के निर्मित होने के बाद बनारस ही नही आसपास के लाखों किसानों को फायदा होगा। उन्होंने यूपी में इसे श्वेत क्रांति से इसे जोड़ा था।

जमीन का मूल्य हुआ दो गुना 

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीसीडीसी) की जमीन पर आकार ले रहे इस प्लांट की वजह से आसपास के दर्जनों गांवों में किसानों ने जमीन की बिक्री बंद कर दी है। रोड से सटी जमीन ही नहीं गांव के अंदर की जमीन की कीमत भी दो गुनाी हो गई है। छह लाख रुपये िवस्वा की जमीन 12 लाख रुपये विस्वा बिक रही है।

अमूल के दर्जनों उत्पाद बाजार में होंगे सुलभ

बनास काशी संकुल से आइसक्रीम और पनीर का भी उत्पादन भी होगा। इसके अलावा अमूल के सभी बेकरी उत्पादों के साथ ही मक्खन, दही, लस्सी, छाछ, घी, मिल्क पाउडर, मिठाई आदि का निर्माण होगा।

प्लांट का चरणबद्ध निर्माण का लक्ष्य

इस प्लांट के नींव रखने के दौरान कहा गया था कि इसका चरणबद्ध निर्माण होगा। पहले चरण में पांच लाख लीटर पैकेट बंद दूध का उत्पादन होगा। इससे डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और पांच सौ लोगों को नौकरी। पहले चरण का कार्य 18 माह में पूर्ण होगा। इसके बाद प्लांट विस्तार का कार्य होगा। विस्तार के बाद 10 लाख लीटर पैकेटबंद दूध का प्रतिदिन उत्पादन किया जाएगा। इससे तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वाराणसी और समीपवर्ती जनपदों में गांव-गांव कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे।

पूर्वांचल के लाखों पशुपालकों को फायदा, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार

-प्लांट के निर्माण पर 475 करोड़ रुपये होंगे खर्च

-लगभग तीस एकड़ परिक्षेत्र में प्लांट निर्माणाधीन

-बाउंड्रीवाल पूरी तरह तैयार, दिन रात हो रहा काम

अमूल प्लांट पर तेजी से काम हो रहा है। मार्च, 2024 तक इस प्लांट को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है। तय अवधि से पहले ही आकार ले लेगा। दिसंबर, 2023 तक मिल्क पाउडर उत्पादन होने की उम्मीद है। प्लांट की मशीनें भी आने लगी हैं। इस प्लांट की स्थापना के बाद काशी ही नहीं पूर्वांचल में विकास की तस्वीर कुछ अलग दिखेगी। बहुतायत बेरोजगारों के हाथों में रोजगार होगा तो वहीं इस क्षेत्र के लोगों के घर तक अमूल के कई उत्पाद आसानी से सुलभ हो सकेंगे।

कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी

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