मीरजापुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ निवेश पर जोर, कई कंपनियों ने प्लांट लगाने के लिए दिखाई रुचि : डीएम
मीरजापुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ यहां निवेश पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए। कुछ कंपनियों ने यहां प्लांट लगाने के लिए रुचि भी दिखाई है। विंध्याचल में जो भी दर्शन करने आएगा उसे जल्द यहां का नजारा बदला हुआ दिखेगा।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Mon, 25 Apr 2022 09:32 PM (IST)
मीरजापुर। ऐतिहासिक समृद्धि व पर्यटन को समेटे हुए मीरजापुर जनपद किसी पहचान का मोहताज नहीं है। विंध्याचल, अष्टभुजा और कालीखोह जैसे पवित्र मंदिर आपको यहीं देखने को मिलेेंगे। पूर्वांचल में कालीन और पीतल उद्योग के लिए प्रसिद्ध इस जिले में विकास की अपार संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार भी यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडाप्ट ए हैरिटेज पालिसी में चुनार किले को शामिल किया है। इतिहास के पन्नों से पता चलता है कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मध्य और पश्चिमी भारत के बीच व्यापार केंद्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसकी स्थापना की थी। आजादी के बाद से अब तक यहां कितना परिवर्तन हुआ है, इस संबंध में दैनिक जागरण के संवाददाता मिलन गुप्ता के साथ जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने विस्तार से चर्चा की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।
पहले के मुकाबले जनपद कितना समृद्ध हुआ है?आजादी के बाद इस जिले में विकास का पहिया दौड़ा है। वर्तमान में कई योजनाएं संचालित हो रही हैं, जो लोगों के उत्थान के लिए सेतु का काम कर रही हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ यहां निवेश पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए। कुछ कंपनियों ने यहां प्लांट लगाने के लिए रुचि भी दिखाई है। इसके अलावा सड़क से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा क्षेत्र में काफी विकास हुआ है और आगे भी होता रहेगा।
कब तक विंध्य कारिडाेर का कार्य पूर्ण होगा?मां विंध्यासिनी धाम में देश ही नहीं, विदेश से भी आकर लोग यहां मत्था टेकते हैं। विंध्याचल में जो भी दर्शन करने आएगा उसे जल्द यहां का नजारा बदला हुआ दिखेगा। कार्य को गति मिलने लगी है। सब कुछ सही रहा तो वर्ष 2023 तक कार्य पूरा हो जाएगा। पहले चरण में मंदिर के चारों ओर 50 फीट का परिक्रमा पथ तैयार हो रहा है। मंदिर तक जाने वाले चार रास्ते भी चौड़े किए जा रहे हैं।
वर्तमान में यहां के किसानों के जीवन में कितना परिवर्तन आया है?जिले के किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य तो मिल ही रहा है, सरकारी योजनाओं से भी उन्हें जोड़ा जा रहा है ताकि उनकी आय दोगुनी हो सके। इसके अलावा फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड का भी लाभ उन्हें दिया जा रहा है। कोशिश यही है कि कोई भी किसान सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना से वंचित न रहे। पहले की तुलना में बदलावा जरूर दिख रहा है लेकिन अभी भी काम करने की जरूरत है।
यहां के कुछ गांवों के लोग अभी भी दूषित जल का सेवन कर रहे हैं, इसके निराकरण के लिए क्या योजना है?जल जीवन मिशन के तहत हर घर में स्वच्छ जल पहुंचाने की तैयारी है। इसके लिए जनपद में पाइप लाइन बिछाई जाएगी। दो साल के भीतर इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है। इसके अलावा नौ जगहों पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाने की तैयारी चल रही है। इसके पूर्ण होते ही सभी घरों में स्वच्छ जल पहुंचने लगेगा। वहीं भूगर्भ जल संरक्षण के लिए लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।
जिल में पीएम स्वनिधि योजना की क्या स्थिति है?इस योजना के तहत 5290 लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। निश्चित ही इससे स्ट्रीट वेंडरों को लाभ मिला है और वे अपने रोजगार से जुड़ सके हैं। आत्मनिर्भरता से आज उनके जीवन में अमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
वर्तमान में रोजगार एक बड़ी समस्या है, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
युवाओं को रोजगार देने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। रोजगार मेले के साथ ही अप्रेंटिसशिप के माध्यम से युवाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि उन्हें दिक्कत न हो। विभिन्न कंपनियां युवाओं को उनके योग्यतानुसार चयन भी कर रही हैं।
शहर को अतिक्रमणमुक्त करने की क्या योजना है?अतिक्रमण को हटाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है और कई लोगों पर कार्रवाई भी हुई है। भविष्य में योजना है कि स्ट्रीट वेंडरों के लिए एक स्थायी जगह का चयन किया जाए। इसके लिए नगर पालिका परिषद से विमर्श किया जाएगा।
खेल के क्षेत्र में जनपद का प्रतिनिधित्व नहीं दिख रहा ?ऐसा नहीं है, यहां के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। बस उन्हें जरूरत है प्रोत्साहन की। इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। भिस्कुरी स्टेडियम भी यहां है जहां खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते हैं और खुद को निखारते हैं।
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