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    संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दो पूर्व कुलपतियों का मऊ में ही सड़क हादसे में हो चुका है निधन

    वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दो पूर्व कुलपतियों प्रोफेसर हरेराम त्र‍िपाठी और प्रोफेसर विद्या निवास मिश्र की मऊ के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। प्रोफेसर मिश्र जो एक वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार और हिंदी-संस्कृत के विद्वान थे उनका निधन वर्ष 2005 में हुआ था।

    By Shailesh Asthana Edited By: Abhishek sharma Updated: Sat, 23 Aug 2025 01:18 PM (IST)
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    संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दो पूर्व कुलपतियों का मार्ग हादसे में हो चुका है न‍िधन।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। इसे संयोग कहें या दुर्याेग, मऊ जनपद के दोहरीघाट थाना में क्षेत्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दो पूर्व कुलपतियों का असामयिक निधन हो चुका। दोनों का ही निधन वाहन दुर्घटना के चलते हुआ।

    शनिवार की तड़के दोहरीघाट के अहिरानी पेट्रोल पंप के पास इनोवा में ट्रेलर की टक्कर के बाद मृत दंपती की पहचान जब कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक नागपुर के कुलपति तथा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी बादामी देवी के रूप में हुई तो लोगों के मन में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे पद्मभूषण ख्यात साहित्यकार, राज्यसभा सदस्य प्रो. विद्यानिवास मिश्र के साथ हुए हादसे की याद ताजा हो उठीं। प्रो. मिश्र की भी इसी तरह 14 फरवरी 2005 को क्षेत्र के नई बाजार के पास चिउंटीडांड़ में सड़क हादसे में निधन हो गया था। तब उनकी कार दोपहर के समय सड़क किनारे शिरीष के पेड़ में जा टकराई थी।

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    वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार विद्यानिवास मिश्र का निधन 14 फरवरी 2005 को एक सड़क दुर्घटना में हो गया था। वे 79 वर्ष के थे और राज्यसभा के सदस्य के साथ-साथ हिंदी और संस्कृत के महान विद्वान थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

    वे हिंदी और संस्कृत के विद्वान थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं, जिनमें 'भारतीय भाषा दर्शन की पीठिका', 'तुम चंदन हम पानी', और 'हिन्दी की शब्द संपदा' शामिल हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें साहित्य अकादमी, कालिदास सम्मान, और भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले थे। वे काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे।

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    वहीं दूसरी ओर शन‍िवार को दोहरीघाट थाना क्षेत्र के अहिरानी गांव के पास सुबह पौने छह बजे सड़क हादसे में कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक नागपुर के कुलपति तथा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी बादामी देवी की मौत हो गई। उनका ड्राइवर गंभीर रूप से घायल है। उसे जिला दोहरीघाट स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। यहां से गोरखपुर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया।

    कुशीनगर जनपद के तुर्कपट्टी थाना के चकिया गांव निवासी 58 वर्षीय हरेराम त्रिपाठी अपनी पत्नी 52 वर्षीय बादामी देवी के साथ इनोवा गाड़ी से शनिवार की अल सुबह वाराणसी से अपने घर जा रहे थे। इनोवा को कुलपति स्वयं चला रहे थे, जबकि चालक बिहार के गोपालगंज थाना क्षेत्र के जिगना पंडित निवासी 35 वर्षीय वैभव मिश्रा पीछे वाली सीट पर बैठा था। तीनों लोग वाराणसी से सुबह तीन बजे घर के लिए निकले थे। वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर सुबह पौने छह पहुंचे ही थे कि अहिरानी के पास स्थित पेट्रोल पंप के पास खड़े ट्रेलर में कार घुस गई।

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    टक्कर इतनी तेज थी कि इनोवा के परखच्चे उड़ गए, जबकि ट्रेलर का पिछला टायर पंक्चर हो गया। घटना स्थल पर ही हरेराम त्रिपाठी और बदामी देवी की मौत हो गई, जबकि पीछे बैठा चालाक घायल हो गया। सूचना पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को गाड़ी से बाहर निकाला। घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दोहरीघाट पहुंचाया। यहां स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने रेफर कर दिया।

    दुर्घटना के बाद दोनों तरफ जाम हो गया। पुलिस प्रशासन ने तत्काल जेसीबी की मदद से इनोवा गाड़ी को ट्रेलर से बाहर निकाला और अवागमन बहाल किया गया। बताया जा रहा है कि उनका देवरिया में भी आवास है। वह 2021 से 2023 तक सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। 2023 से पांच साल के लिए कविकुल गुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर में कुलपति बने थे।

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