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वाराणसी में रोप-वे के दो टॉवर बनकर हुए तैयार, इस जगह बनने लगा प्लेटफॉर्म; यहां से होकर गुजरेगी लाइन

देश की पहली अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट सुविधा को धरातल पर उतारने की तैयारी है। सिगरा से रथयात्रा के बीच दो टावर स्थापित हो चुके हैं आगे का तीसरा टावर बाद में लगेगा। पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के मध्य कुल 18 टावर बनने हैं। अब विद्यापीठ रोप वे स्टेशन को अंतिम रूप देने की कोशिश है। रोप वे प्लेटफार्म बनना शुरू हुआ है।

By Sangram Singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 28 May 2024 09:26 AM (IST)
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रोप-वे के दो टावर तैयार, विद्यापीठ में बनने लगा प्लेटफार्म
जागरण संवाददाता, वाराणसी। देश की पहली अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट सुविधा को धरातल पर उतारने की तैयारी है। सिगरा से रथयात्रा के बीच दो टावर स्थापित हो चुके हैं, आगे का तीसरा टावर बाद में लगेगा। पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के मध्य कुल 18 टावर बनने हैं। अब विद्यापीठ रोप वे स्टेशन को अंतिम रूप देने की कोशिश है। रोप वे प्लेटफार्म बनना शुरू हुआ है।

इलेक्ट्रो मैकेनिकल उपकरणों का इंस्टालेशन किया जाने लगा है। यहीं से रोप लाइन गुजरेगी, क्योंकि यहीं पर गोंडोला की गति धीमी व तेज होगी। गोंडोला पर यात्री यहीं पर सवार होंगे और उतर सकेंगे। पूरा काम स्विट्जरलैंड के इंजीनियरों की निगरानी में किया जा रहा है।

हैदराबाद की निर्माण एजेंसी विश्वसमुद्र को 10 जून तक कार्य पूर्ण करने की मोहलत दी गई है, इसके लिए एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने समग्रता में रोड मैप तैयार किया है। उधर, दूसरे चरण में गिरिजाघर से गोदौलिया के मध्य भी काम शुरू किया जा रहा है। गिरिजाघर के समीप फाउंडेशन का पाइलिंग कार्य किया जा रहा है। प्रोजेक्ट में 148 गोंडोला का संचालन होगा, दस से अधिक गोंडोला की आमद हो चुकी है। चार टावर का पूरा सामान आ चुका है।

काशी विद्यापीठ स्टेशन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। समग्रता में कार्य की निगरानी जारी है। -पूजा मिश्रा, मैनेजर, एनएचएलएमएल

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