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वाराणसी के चौराहाें पर धूल फांक रहा अल्ट्रा माडर्न यातायात पुलिस बूथ, 2019 में लागू की गई थी व्‍यवस्‍था

यातायात नियमों के उल्लंघन बिना हेलमेट बाइक व स्कूटी चलाने या चेकिंग के दौरान रफ्तार बढ़ाकर भागने वाला कोई भी शख्स अल्ट्रा माडर्न यातायात पुलिस बूथ की नजर से बच नहीं सकता। शहर के चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Sun, 14 Mar 2021 08:10 AM (IST)
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नियमों के उल्लंघन करने वाले वाहनों का ई-चालान काटने जैसी व्यवस्था से लैस किया गया था।

वाराणसी, जेएनएन। यातायात नियमों के उल्लंघन, बिना हेलमेट बाइक व स्कूटी चलाने या चेकिंग के दौरान रफ्तार बढ़ाकर भागने वाला कोई भी शख्स अल्ट्रा माडर्न यातायात पुलिस बूथ की नजर से बच नहीं सकता। इस बूथ में तैनात सिपाही अंदर बैठे-बैठे सीसीटीवी कैमरे, वाई-फाई की मदद से चौराहे के दो किलोमीटर परिधि में मौजूद सभी चौराहों व संवेदनशील स्थानों पर ध्यान देते हुए यातायात का संचालन कर सकता है। अल्ट्रा माडर्न बूथ को पेपर फ्री रखने के लिए नियमों के उल्लंघन करने वाले वाहनों का ई-चालान काटने जैसी व्यवस्था से लैस किया गया था। वर्ष 2019 में प्रवासी सम्मेलन के दौरान यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए नया प्रयोग किया गया था। यातायात पुलिस की अनदेखी के चलते यह बूथ कार्यक्रम खत्म होने के बाद से रथयात्रा चौराहा एवं टीएफसी से पहले भोजूबीर मार्ग पर पड़ा धूल फांक रहा है।

यातायात विभाग के अनुसार अल्ट्रा माडर्न यातायात पुलिस बूथ शहर में चौराहों पर प्रयोग के तौर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान लगाया गया था। इसके साथ ही शहर के चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया था। अल्ट्रा माडर्न बूथ में जो कैमरे लगे हैं, वे यातायात नियम तोडऩे वालों की फोटो खींचकर ई-चालान जेनरेट कर देता है। इस बूथ की मदद से जिन चौराहों पर जाम या वाहनों का दबाव देखा जाएगा, वहां तैनात ट्रैफिक कर्मियों को निर्देश जारी किए जा सकते थे। तत्कालीन एसपी ट्रैफिक सुरेश चंद्र रावत ने कहा था कि अगर प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान किया गया प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में सभी चौराहों पर अल्ट्रा माडर्न यातायात पुलिस बूथ रखे जाएंगे, लेकिन जिन दो बूथों को प्रयोग के तौर पर लगाया गया था, वर्तमान में वही दोनों बूथ कूड़े की तरह पड़े हैं और धूल फांक रहे हैं।