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यूपी के इस जिले में 13 रूटों पर अंडरग्राउंड होगी बिजली लाइन, शासन ने दी मंजूरी; खर्च होंगे 513 करोड़ रुपये

UP Electricity पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी के 13 रूटों पर बिजली के तारों को भूमिगत करने जा रहा है। इस तीसरे चरण के कार्य में विश्वनाथ मंदिर बीएचयू सारनाथ टीएफसी गोदौलिया और रामनगर शामिल हैं। इस परियोजना की लागत 513 करोड़ रुपये है और इसके पूरा होने से इन क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या दूर हो जाएगी।

By Mukesh Chandra Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 18 Nov 2024 10:55 AM (IST)
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सप्तसागर क्षेत्र में तारों का जंजाल। जागरण
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड शहर के 13 रूटों पर बिजली के तार अंडरग्राउंड करने जा रहा है। तीसरे चरण के इस कार्य में विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू, सारनाथ, टीएफसी, गोदौलिया, रामनगर को भी शामिल शामिल किया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।

साथ ही पूरे शहर में तार अंडर ग्राउंड करने का अभियान चलाने की तैयारी है। तीसरे चरण में शहर के आधे से अधिक हिस्सों के लिए अंडर ग्राउंड बिजली लाइन के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसमें शहर के प्रमुख 13 मार्गों पर एचटी व एलटी लाइन अंडरग्राउंड की जाएगी। यह कार्य 513 करोड़ में होगा।

ये इलाके शामिल

इसमें टीएफसी से रिंग रोड, मुनारी रिंग रोड से सारनाथ, ताज होटल, छावनी क्षेत्र, एमएम रोड-वीआइपी रोड, आशापुर से पुराना पुल, नमो घाट क्षेत्र, चौकाघाट से नमो घाट, गोदौलिया से विश्वेश्वरगंज, रामनगर किला से पंचवटी, साजन तिराहा से रुद्राक्ष, नाटी ईमली-संपूर्णानंद, रथयात्रा, महमूरगंज, मंडुवाडीह, विश्वनाथ मंदिर, बीएलडब्ल्यू से बीएचयू क्षेत्र को शामिल किया गया है। यह कार्य होने के बाद इन क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती व लो-वोल्टेज की समस्या दूर हो जाएगी।

अब तक 30 प्रतिशत क्षेत्रों में ही अंडरग्राउंड विद्युत तार

शहर में अब तक 30 प्रतिशत क्षेत्रों के ही बिजली के तार अंडरग्राउंड किए जा सके हैं। इसके अलावा शेष क्षेत्रों में अभी भी लटकते तारों के जंजाल से लोग जूझ रहे हैं। इससे आए दिन शार्ट सर्किट व स्पार्किंग से आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसमें पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी सप्तसागर, दाल मंडी, हड़हा सराय, छत्ता तले, नारियल बाजार आदि क्षेत्र शामिल हैं। संकरी गलियों में बिजली के तार टूटने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने यह पहल की है।

दवा विक्रेता समिति के महामंत्री संजय सिंह ने बताया कि इस साल 31 अगस्त के साथ ही और भी कई बार यहां लटकते तारों के कारण आग लग चुकी है। लटकते तारों को हटाने के लिए विभाग से कई बार शिकायत की गई है लेकिन इसका हल नहीं निकल रहा है।

पीएम की पहल पर 2017 में शुरू हुआ कार्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर काशी में पहली बार 2017 में कई प्रमुख क्षेत्रों में अंडरग्राउंड बिजली लाइन डाली गई। इसके बाद इन क्षेत्रों में लो-वोल्टेज, लोकल फाल्ट, बिजली चोरी, अनावश्यक बिजली कटौती की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है। लाइन लास भी बहुत कम है। पहले चरण में रविंद्रपुरी, कबीरनगर, दुर्गाकुंड, खोजवां आदि क्षेत्रों यह व्यवस्था की गई।

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