'इतनी गोली मारूंगा कि शरीर से केवल पीतल निकलेगा...', भैदनी सामूहिक हत्याकांड का आरोपी देता था धमकी
वाराणसी में गुप्ता परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में पुलिस को आठवें दिन भी मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता का कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। हालांकि पुलिस दिवंगत राजेंद्र की मां शारदा भतीजे जुगनू और नौकर नारायण से पूछताछ कर रही है जिसमें कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। आरोपी 100 रुपये की गोली को हजार रुपये में खरीदकर मारने की धमकी देता था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। इक्कीसवीं सदी के तकनीकी युग में भदैनी और रामपुर लठिया (रोहनियां) में हुई क्रमश: चार और एक हत्या के आरोपित विशाल उर्फ विक्की का पुलिस आठवें दिन भी ठोस सुराग नहीं लगा पाई। यह जरूर है कि आरोपित को दबोचने के लिए एक क्लू की तलाश में पुलिस दिवंगत राजेंद्र की मां शारदा, भतीजे जुगनू और नौकर नारायण से रोज खूब बातें कर रही, जिसमें दहलाने वाली जानकारियां सामने आ रहीं हैं। राजेंद्र धमकाता था कि सौ रुपये की गोली भले एक हजार रुपये में खरीदनी पड़े लेकिन इतनी गोली मारूंगा कि शरीर से पीतल-पीतल निकलेगा।
स्टांप पर राजेंद्र अपने ही परिवार से लिए थे सात लाखपांच हत्याओं का राज तलाश रही भेलूपुर पुलिस के हाथ मंगलवार कुछ दस्तावेज लगे। ये दस्तावेज दिवंगत राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू, विक्की, नमनेंद्र, शारदा के हैं। जिसमें राजेंद्र अपने ही परिवार के किसी सदस्य से एक लाख, किसी से दो लोग करके सात लाख रुपये लिए थे।
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विशाल को भी रुपये देने वालों में शामिल बताया जा रहा है। बरामद दस्तावेज वर्ष 2021 के बताए जा रहे हैं। पुलिस अब इसके निहितार्थ निकालने में जुटी है। रोहनिया में राजेंद्र ने वर्ष 2021 में जमीन खरीदी थी, इससे कयास लगाया जा रहा कि उसी के लिए रुपये जुटाए होंगे।
चरित्र पर शक करता, इसलिए पहली बीवी ने बदले रास्ते
राजेंद्र की पहली पत्नी गीता 1992 में छोड़कर चली गई। इसलिए कि अपनी पत्नी पर शक करता और बच्चों को नकारते रहता था। उन दिनों सात माह का बच्चा और एक मासूम बेटी थी। दुश्वारियां ऐसी खड़ी हुई कि गीता दो मासूमों को लेकर कोलकाता चली गई। पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची मर गई थी, जबकि शेष के बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है।घर आने से रिश्तेदार कर रहे परहेज, तेरही कार्यक्रम पर ग्रहण
भदैनी और रोहनिया में गत मंगलवार को गुप्ता फैमिली के पांच लोगों की हत्या के बाद उनके आवास पर आने में रिश्तेदार भी परहेज करने लगे हैं। पूरे मकान में दिवंगत राजेन्द्र की मां शारदा की देखभाल के लिए ममेरे भाई राकेश गुप्ता ही देखभाल के लिए मौजूद हैं।इसे भी पढ़ें-महाकुंभ में दिखेगा समूह की महिलाओं का हुनर, वोकल फॉर लोकल पर जोर
राकेश ने बताया कि बुलाये जाने के बाद भी रिश्तेदार आने से कतरा रहे हैं। किराएदार भी अब मकान खाली कर जा रहे हैं। किराएदार जो रह भी रहे, वे बातचीत करने से बचना चाह रहे हैं। आसपास के लोगों में चर्चा है कि पांच शवों को मुखाग्नि देने वाले भतीजा जुगनू (राजेंद्र का भतीजा) के पुलिस कस्टडी में होने के कारण शवों के अंतिम संस्कार के 11 दिन बाद भी कर्मकांड नहीं हो पा रहा है। तेरही कार्यक्रम भी नहीं हो पाने की आशंका गहराती जा रही है। राजेंद्र की मां शारदा ने बताया कि जब भी बड़ा भतीजा विक्की आएगा तो सारे कर्मकांड होंगे।
विशाल उर्फ विक्की। जागरण
पांच नवंबर को यह हुई थी पूरी घटना?चार नवंबर को भदैनी में नीतू गुप्ता, उनके बड़े बेटे नमनेंद्र, छोटे बेटे शिवेंद्र, मझली बेटी गौरांगी और इनके ही परिवार के मुखिया राजेंद्र गुप्ता का शव उनके रोहनिया के रामपुर लठिया स्थित मकान में पड़ा मिला था। भदैनी में चार शव मिले तो शक राजेंद्र पर हुआ, लेकिन कुछ देर बाद राजेंद्र का भी शव मिल गया तो पुलिस राजेंद्र के भतीजे विशाल उर्फ विक्की को हत्यारोपित मान केस की तफ्तीश शुरू कर दी। इसलिए कि विशाल के मां और पिता की राजेंंद्र ने हत्या की थी। विशाल की गिरफ्तारी से ही पांच हत्याओं की मिस्ट्री सुलझेगी।
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