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Up Election 2022 : मुख्‍तार अंसारी के अधिवक्ता ने नामांकन के लिए न्‍यायालय में दिया पत्र, सुभासपा से लड़ सकते हैं चुनाव

Vidhan Sabha Election 2022 मऊ सदर विधायक के अधिवक्ता ने सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए न्यायालय में नामांकन पत्र लिए सहमति पत्र दाखिल किया है। सुभासपा के जिलाध्यक्ष रामजीत राजभर ने बताया है कि अभी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कोई सूचना नहीं है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Wed, 09 Feb 2022 12:38 PM (IST)
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mukhtar ansari latest news : पांच चुनाव जीत चुके मुख्‍तार अंसारी छठवीं बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
मऊ [जेपी निषाद]। पूर्वांचल की सबसे चर्चित 356 मऊ सदर विधानसभा को माफिया विधायक मुख्तार अंसारी के नाम से जाना जाता है। लगातार पांच चुनाव जीत चुके विधायक छठवीं बार किस दल से मैदान में उतरेंगे यह तस्वीर लगभग साफ हो रही है। विधायक के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए न्यायालय में नामांकन पत्र लिए सहमति पत्र दाखिल किया है। वहीं सुभासपा के जिलाध्यक्ष रामजीत राजभर ने बताया है कि अभी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने ऐसी कोई सूचना नहीं दी है।

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वहीं बीते दिनों सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा पर बृजेश सिंह को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए मुख्‍तार अंसारी का समर्थन करने की बात कही थी। तभी से पूर्वांचल में मुख्‍तार संग सुभासपा की करीबियों को लेकर चर्चाएं आम होने लगी थीं। इस लिहाज से अदालत से आने वाला फैसला ही तय करेगा कि मुख्‍तार जेल से चुनाव लड़ेंगे भी या उनको निराशा हाथ लगेगी। इस बाबत अब मुख्‍तार समर्थकों की निगाह अदालत से आने वाले फैसले पर टिकी हुई है। वहीं अंदरखाने में सुभासपा नेता मुख्‍तार अंसारी और उनके करीबियों के संपर्क में बने हैं।

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बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को सुभासपा ने मऊ सदर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इसका दावा करते हुए मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने मंगलवार को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में अर्जी दी है। अर्जी में बांदा जेल में बंद सदर विधायक से उनके अधिवक्ता, प्रस्तावकों, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों की मुलाकात की अनुमति देने की मांग की गई है। मुख्तार अंसारी 1996 में बसपा से विधायक बने थे। इसके बाद 2002 व 07 में निर्दलीय चुनाव जीते। 2012 में कौमी एकता दल से फिर विधायक निर्वाचित हुए।

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2017 में मुख्‍तार को फिर से बसपा ने प्रत्याशी बनाया और विधायक बने। इस बार किस दल से चुनाव लड़ेंगे इसको लेकर कई दिनों से सियासी बाजार गर्म था। इसी बीच मंगलवार को उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में सुभासपा के बैनर पर चुनाव लड़ने का आवेदन कर न्यायालय का सहमति मांगा है। उधर सुभासपा के जिलाध्यक्ष ने ऐसी किसी जानकारी से अनभिज्ञता जताया है। कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक कोई सूचना नहीं दी है। अगर कोई सूचना आएगी तो बकायदे प्रेस कांफ्रेंस कर बताया जाएगा। फिलहाल दारोगा सिंह का दावा है कि सुभासपा से ही सहमति पत्र दाखिल किया गया है। ऐसे में सुभासपा से ही वह लड़ेंगे। अधिकृत रूप से पार्टी की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई है।

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