UP Bijli Vibhag: यूपी में बिजली विभाग का बड़ा फैसला, आज से मीटर रीडर कराएंगे ऑन-स्पॉट बिल भुगतान
UPPCL यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बुधवार से सभी उपभोक्ताओं को शत-प्रतिशत सुपरवाइज्ड (पर्यवेक्षणीय) बिलिंग करने का आदेश दिया है। इस नई व्यवस्था से हर मीटर रीडर के साथ बिजली विभाग के कर्मचारी-अधिकारी मौके पर जाएंगे और उपभोक्ता को सही बिल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। वहीं मीटर रीडर को दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के मौके पर ही बिल भुगतान की भी सुविधा दी गई है।
संतोष कुमार तिवारी, वाराणसी। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बुधवार से सभी उपभोक्ताओं को शत-प्रतिशत सुपरवाइज्ड (पर्यवेक्षणीय) बिलिंग करने का आदेश दिया है। इस नई व्यवस्था से हर मीटर रीडर के साथ बिजली विभाग के कर्मचारी-अधिकारी मौके पर जाएंगे और उपभोक्ता को सही बिल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
वहीं, मीटर रीडर को दो किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के मौके पर ही बिल भुगतान की भी सुविधा दी गई है। ई-मेल से पहुंचे चेयरमैन के आदेश के बाद इसे तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए कल से इस दिशा में काम करने के निर्देश एमडी शंभु कुमार ने सभी वितरण खंडों को दिए हैं।
शिकायतों के कारण लिया गया ये आदेश
उपभोक्ताओं की गुणवत्तापूर्ण बिल न मिलने की बार-बार शिकायतों के बाद यह सख्त कदम चेयरमैन ने उठाया है। चूंकि अमूमन बनारस में ही हर एक्सईएन के पास 10 उपभोक्ताओं की गलत बिल बनने की शिकायतें पहुंच रही थीं। अधिकतर मामले विभाग की दहलीज से टरका दिए जाते हैं जिससे उपभोक्ता की समस्या जस की तस बनी रहती है।इन उपभोक्ताओं के फाइनल समस्या समाधान के लिए चेयरमैन ने यह नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू किया है। बिलिंग एजेंसियों को यह निर्देश दिया है कि वह अपने मीटर रीडर के ई-वालेट में कम से कम 10 हजार रुपये रिचार्ज जरूर रखें ताकि वह छोटे उपभोक्ताओं को बिल देने के साथ ही भुगतान भी कर दें।
ऐसा करने से उपभोक्ता को घर बैठे सुविधा मिलेगी। उन्हें बिजली काउंटर तक दौड़ नहीं लगानी होगी। मीटर रीडर के साथ जो विभागीय कर्मी जाएंगे वह मीटर बाक्स की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए उचित जगह पर उसे स्थापित कराने के साथ ही मोबाइल नंबर व ई-मेल आइडी भी रिकार्ड में फीड कराएंगे।
हर दिन मीटर रीडर को पांच हजार राजस्व वसूली का लक्ष्य
नई जो व्यवस्था बहाल की गई है उसके तहत मीटर रीडर को बिल बनाने के साथ ही कम से कम पांच हजार रुपये का राजस्व भी वसूलना होगा। इसके बदलने उन्हें एक उपभोक्ता का बिल बनाकर उसका भुगतान कराने पर 12 रुपये का पारिश्रमिक मिलेगा।
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