UP Budget 2021 : बनारसी पान का भी बजट में ध्यान, विंध्य क्षेत्र में पान की खेती को प्रोत्साहन
बनारस के पान उद्योग को भी बजट से संजीवनी मिली है। औद्यानिक विकास और गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन के लिए बजट में अतिरिक्त प्राविधान किया गया है। बुंदेलखंड के साथ ही विंध्य क्षेत्र को भी इसके लिए बजट में आर्थिक संजीवनी दी गई है।
By Abhishek sharmaEdited By: Updated: Mon, 22 Feb 2021 02:49 PM (IST)
वाराणसी, जेएनएन। बनारस के पान उद्योग को भी बजट से संजीवनी मिली है। औद्यानिक विकास और गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन के लिए बजट में अतिरिक्त प्राविधान किया गया है। बुंदेलखंड के साथ ही विंध्य क्षेत्र को भी इसके लिए बजट में आर्थिक संजीवनी दी गई है। विंध्य क्षेत्र के मीरजापुर, सोनभद्र और चंदौली आदि जिलों में टमाटर की खेती के बाद अब पान की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी है। इस बजट के जरिए पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए औद्यानिक विकास में शामिल किया गया है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और झारखंड के साथ ही मध्य प्रदेश के लिए भी वाराणसी क्षेत्र पान का बड़ा कारोबारी हब रहा है। वहीं वाराणसी के औरंगाबाद और पानदरीबा क्षेत्र में पान का बड़ा कारोबार वर्षों से रहा है। मगर पान की खेती के लिए पूर्वांचल में पहल के अभाव की वजह से पान की खेती करने वाले किसानों की रुचि इस ओर नहीं रही है। ऐसे में पान की खेती को बजट में बढ़ावा देने के लिए विंध्य क्षेत्र के जिलों का चयन किया गया है। ऐसे में अब विंध्य क्षेत्र के किसानों को भी बजट से पान की खेती के लिए अतिरिक्त लाभ की उम्मीद जगी है।
पूर्वांचल में भी वाराणसी पान के कारोबार के लिए बड़ा हब रहा है, मगर पान के पत्तों की आपूर्ति के लिए पूर्वांचल में इसकी खेती कम होने से बाहर से कारोबारी पान के पत्तों को मंगाते रहे हैं। जबकि, पूर्वांचल के मैदानी क्षेत्रों में कुछ ही जगहों पर उद्यान विभाग की पहल और सब्सिडी की वजह से कुछ किसानों में रुचि रही है। अब विंध्य क्षेत्र के किसानों को संबल देते हुए औद्यानिक विकास और गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए पहल की गई है। इस लिहाज से उद्यान विभाग की जिम्मेदारी भी अब विंध्य क्षेत्र में पान के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बढ़ गई है। कारोबार के लिहाज से स्थानीय स्तर पर पान की खेती शुरू होने के बाद स्थानीय कारोबारियों को भी पान के ताजे पत्ते बिक्री के लिए सस्ते दर पर मिल सकेंगे।
वाराणसी के कारोबारियों के अनुसार वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में पान की खेती सीमित ही होती है। पान की खेती का दायरा पूर्वांचल से बाहर अधिक होने की वजह से वाराणसी में पान की मंडी में पान के खराब होने और रखरखाव में समस्या भी रही है। स्थानीय स्तर पर पान की खेती होने के बाद यहां की मंडी में ताजा पान के साथ ही उसके रखरखाव और उसके खराब होने की समस्या भी खत्म हो जाएगी। वहीं विंध्य क्षेत्र के किसान अपनी उपज सीधे वाराणसी की पान मंडियों में बेच सकेंगे।
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