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Yogi Adityanath Oath Ceremony योगी आदित्‍यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी बनारसी गमछा ओढ़े पहुंचे आयोजन में

Yogi Adityanath Oath Ceremony Latest News पीएम मोदी विशेष आयोजनों में बनारसी गमछे ओढ़े नजर आते हैं। सीएम योगी के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में भी बनारसी गमछे के साथ पीएम मोदी पहुंचे। सातवें चरण के चुनाव प्रचार में भी वाराणसी आगमन के वक्‍त गमछे के साथ ही थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 06:52 PM (IST)
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योगी आदित्‍यनाथ के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में भी पीएम मोदी बनारसी गमछा ओढ़कर पहुंचे।

वाराणसी, ऑनलाइन डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बनारसी गमछे का प्रयोग कई विशेष आयोजन में ओढ़ते हैं। लखनऊ में योगी आदित्‍यनाथ के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में भी पीएम मोदी बनारसी गमछा ओढ़कर पहुंचे। इससे पूर्व भी विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वाराणसी में रोड शो के समय बनारस गमछे ओढ़े थे। कोरोना संक्रमण काल में मास्‍क के बदले बनारसी गमछे को बांधने के लिए पीएम मोदी अपील करते रहे और खुद भी इसका प्रयोग करते थे।

चार मार्च को वाराणसी में चुनावी प्रचार के समय पीएम नरेन्‍द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ठीक पांच साल बाद ठेठ बनारसी रंग में नजर आए। उनके गले में जहां बनारस का गमछा नजर आया तो वहीं सर्दी में पहनी जाने वाली खादी की गर्म सदरी के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस सरीखी भगवा रंग की टोपी पहन कर अनोखे लिबास में नजर आए। पीएम नरेन्‍द्र मोदी बनारसी गमछा, बनारसी टोपी और खादी की सदरी से इस रोड शो में वोकल फार लोकल और बनारसीपने का संदेश भी दिया। वैसे भी पीएम नरेन्‍द्र मोदी अक्‍सर ही बनारस आकर लोकल को ग्‍लोबल बनाने का संदेश देते रहते हैं।

बनारसी गमछा ठेठ बनारसीपने की निशानी मानी जाती है। पीएम नरेन्‍द्र मोदी अक्‍सर बनारस आने पर गले में बनारसी गमछा डाल लेते हैं। इसके पूर्व भी पीएम बनारसी गमछे की तारीफ कर चुके हैं कि इससे मास्‍क भी बनाया जा सकता है और पसीना होने पर उसे सुखाया भी जा सकता है। इसके साथ ही धूप में सिर पर डालने से लेकर शरीर को पोछने में भी काम आता है। बनारसी रंग ढंग में ढल चुके पीएम नरेन्‍द्र मोदी अकसर बनारस आते हैं तो वह बनारसी रंग ढंंग में ढलने का प्रयास भी खूब करते नजर आते हैं।

नौ अप्रैल 2020 को कोराेना संक्रमण के काल में पीएम मोदी ने भाजपा के कार्यकर्ताओं से चर्चा के दौरान भी बनासी गमछे के प्रयोग की बात की थी। पदाधिकारियों से बातचीत के दौरान जब प्रधानमंत्री को पता चला कि भारी संख्या में वे मास्क तैयार करा रहें तो उन्होंने कहा कि मास्क बनवाने में अपनी ऊर्जा न लगाएं। बनारस का गमछा किसी मास्क से कम नहीं। उत्तर प्रदेश में लोग तौलिया और गमछा कंधे पर डालकर चलते हैं। पीएम ने कहा थाा कि गमछा और तौलिया किसी मास्क से कम नहीं। लोगों की आदत डलवाएं कि वह गमछा-तौलिया मुंह पर लगाकर चलें। मास्क की इस समय सबसे अधिक आवश्यकता डाक्टर, सफाईकर्मियों, पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को है।

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