Varanasi News: रिंग रोड पर बनेगा प्रदेश का पहला आइएसबीटी, 100 करोड़ स्वीकृत; जमीन की तलाश जारी
लखनऊ की तकनीकी टीम टर्मिनल की डिजाइन फाइनल करने में जुटी है। योजना से शहर का लोड खत्म किया जाएगा। टर्मिनल से ही नेपाल मध्य प्रदेश बंगाल बिहार झारखंड और दिल्ली समेत कई प्रांतों के जिलों के लिए बसों की सुविधा मिलेगी। यहां पर शापिंग कांप्लेक्स माल गेस्ट हाउस रेस्तरां थिएटर पेट्रोल पंप दवाखाना. मोटर गैराज सर्विस सेंटर दुकानें बैंक व पोस्ट आफिस समेत कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
संग्राम सिंह, जागरण, वाराणसी। शहर के बीच कैंट में बने पुराने बस टर्मिनल में जगह की कमी है, इसके कारण यहां से बसों की आवाजाही मुश्किल भरी है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने समस्या के निदान की खातिर आधुनिक आइएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) बनाने की योजना को मंजूरी दी है।
रिंग रोड पर 25 एकड़ जमीन की तलाश शुरू हुई है। परियोजना के लिए करीब सौ करोड़ रुपये स्वीकृति मिली है। राजस्व विभाग को जमीन चिह्नित करने की जिम्मेदारी मिली है। परिवहन निगम ने इस परियोजना के लिए एनएचएआइ और वीडीए समेत कई विभागों से सुझाव मांगे हैं।
कैंट स्टेशन से प्रतिदिन छह सौ से अधिक बसों का संचालन
कैंट बस स्टेशन से रोजाना छह सौ से अधिक बसों का आवागमन होता है। निगम कई साल से शहर के बाहर डिपो बनाने का प्रयास कर रहा है। इंग्लिशिया लाइन से रोडवेज बस स्टैंड तक दिन भर जाम रहता है, इसका असर अंधरापुल चौराहे तक रहता है। स्टेशन के बाहर सड़क पर बसें खड़ी रहती हैं।इसे भी पढ़ें-सावधान! अगर आपका बच्चा देर तक देखता है टीवी और मोबाइल, उसे हो सकती है Myopia Disease नाम की बीमारी
ऐसे में कैंट बस स्टेशन भी पीपीपी माडल पर संचालित किया जाना है। यहां से प्रयागराज, लखनऊ, जौनपुर, सोनभद्र, गाजीपुर, गोरखपुर व नेपाल समेत कई जिलाें के लिए बसें मिलती हैं। काशी, ग्रामीण और चंदौली डिपो से भी बसें जाती हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि आइएसबीटी से कई राज्यों के लिए बसें उपलब्ध होंगी। कैंट स्टेशन के जीर्णाेद्धार की फाइल जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करेंगे। प्रदेश में सात हजार बसें भी आने वाली है। हर गांव को जोड़ने के लिए 1600 नए रूट निर्धारित हुए हैं। प्रदेश के हर गांव तक बस सेवा उपलब्ध कराने की योजना है।
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