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यूपी सियासत : गाजीपुर भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए शुरू हुई ‘जम्मू यात्रा’, अपने-अपने तरह से लोग बैठाने लगे समीकरण

भले ही भाजपा के जिला संगठन का कार्यकाल अभी कई माह है लेकिन जिलाध्यक्ष पद के लिए अंदरखाने सियासी द्वंद शुरू हो गया है। दरअसल यहां दो बार रीपिट हो चुके मौजूदा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह को तीसरी बार संगठन की कमान सौंपने की उम्मीद कम दिख रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Tue, 06 Sep 2022 08:10 AM (IST)
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गाजीपुर भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए अंदरखाने की सियासी द्वंद शुरू हो गया है।
गाजीपुर, शिवानंद राय। भले ही भाजपा के जिला संगठन का कार्यकाल अभी कई माह है, लेकिन जिलाध्यक्ष पद के लिए अंदरखाने सियासी द्वंद शुरू हो गया है। दरअसल, यहां दो बार रीपिट हो चुके मौजूदा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह को तीसरी बार संगठन की कमान सौंपने की उम्मीद कम दिख रही है। ऐसे में जिलाध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लिए ‘जम्मू यात्रा’ शुरू हो गई है। यह भी तय है कि जिसे वहां से आशीर्वाद मिलेगा, वहीं जिलाध्यक्ष बनने में सफल होगा। वैसे जिलाध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं होता है। सीधे प्रदेश मुख्यालय से नामित कर दिया जाता है।

नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के जिम्मेदारी संभालने के बाद से भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए सुगबुगाहट शुुरू हो गई है। मौजूदा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह दूसरी पाली खेल रहे हैं। इस बार हैट्रिक की उम्मीद कम है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में हार के कारण प्रदेश नेतृत्व यहां के संगठन को और मजबूती प्रदान करना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ जिलाध्यक्ष के लिए ही मारामारी की स्थिति है। इसके लिए लंबी फेहरिस्त है। लेकिन यह भी तय है कि विधानसभा चुनाव की तरह यहां का जिलाध्यक्ष वहीं बनेगा, जो जम्मू की यात्रा कर आशीर्वाद प्राप्त करेगा। अगर यात्रा पर नहीं गए तो प्रदेश नेतृत्व भी कतई जिलाध्यक्ष नहीं बना सकता है।

अब आप सोचेंगे कि जम्मू-कश्मीर दूसरा राज्य है और उसका यूपी के गाजीपुर जिले की सियासत से क्या लेना देना है तो आपकी यह बड़ी भूल है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में भाजपा के तीनों महिला विधायकों और प्रत्याशियों का जनता में काफी विरोध था। जम्हूरियत चाहती थी कि भाजपा से टिकट नए चेहरों को दिया जाए। प्रदेश नेतृत्व भी इस बात से भली भांति वाकिफ था कि तीनों महिला विधायक चुनाव हार जाएंगी। यह सब जानते हुए भी शीर्ष नेतृत्व ने तीनों विधायक सहित सातों सीटों पर उन्हीं को ही टिकट दिया, जो जम्मू यात्रा कर लौटे थे।

टिकट न पाने वाले भाजपा के एक नेता का तो स्पष्ट कहना है कि वह टिकट के लिए संगठन के प्रदेश नेतृत्व से मिलेे थे, लेकिन सभी ने एक ही बात कही कि क्या जम्मू की यात्रा पर गए थे कि नहीं। अगर नहीं गए तो चले जाइए। अन्यथा, टिकट की उम्मीद कम कीजिए। हाईकमान के नेताओं का ऐसा दो टूक सुनने के बाद दावेदार जम्मू यात्रा और परिक्रमा में जुट गए हैं।

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