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UP: अचार और मुरब्बा के नाम पर बुक कर शराब की पेटियां भेजी जाती थीं बिहार, पढ़ें तस्करों का कैसे चल रहा था खेल

तस्करी कर पटना शराब भेजने के मामले में बड़ी सच्चाई सामने आई है। आठ घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिए गए तस्करों से पूछताछ में पता चला कि अचार और टोमैटो केचप के नाम पर शराब की पेटियां बुक की जाती थीं। सिगरा पुलिस चार आरोपितों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पहले पड़ाव स्थित शराब के गोदाम फिर जैतपुरा स्थित उस स्थान पर पहुंची जिसे तस्करों ने गोदाम बनाया था।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Sun, 17 Sep 2023 03:14 PM (IST)
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अचार और मुरब्बा के नाम पर बुक कर शराब की पेटियां भेजी जाती थीं बिहार

जागरण संवाददाता, वाराणसी : तस्करी कर पटना (बिहार) शराब भेजने के मामले में बड़ी सच्चाई सामने आई है। आठ घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिए गए तस्करों से पूछताछ में पता चला कि अचार और टोमैटो केचप के नाम पर शराब की पेटियां बुक की जाती थीं।

सिगरा पुलिस चार आरोपितों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पहले पड़ाव स्थित शराब के गोदाम फिर जैतपुरा स्थित उस स्थान पर पहुंची, जिसे तस्करों ने गोदाम बनाया था। शराब गोदाम के जिम्मेदारों और आबकारी विभाग की भी भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं।

पांच माह से चल रहा था तस्करी का खेल

एसटीएफ और सिगरा पुलिस ने नौ सितंबर को सिगरा स्थित ट्रांसपोर्ट प्रशांत कार्गो पर छापेमारी कर 143 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद किया था। छापामार दल ने हुकुलगंज के अरविंद जायसवाल, मुनारी (चौबेपुर) के बृजेश सिंह, रतन कुमार, अहलादपुर बहेरी (गाजीपुर) के मनोहर यादव, कोठियां औरंगाबाद (बिहार) के रणविजय शर्मा, पटना (बिहार) के सोनू शर्मा, पटना (बिहार) के जितेंद्र सेठ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

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सिगरा पुलिस शराब तस्करी की जड़ें तलाशने को अरविंद, बृजेश, रतन और मनोहर यादव को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पांच माह से तस्करी किए जाने, अचार, टोमैटो केचप के नाम पर शराब की पेटियां बुक करने की बात पता चली। 50 लाख की शराब बिहार भेजी जा चुकी है।

बार कोड से लाइसेंसियों तक पहुंचेगी पुलिस

पुलिस की अभी तक की जांच में जो बातें पता चली हैं, उस मुताबिक तस्कर उन लाइसेंसियों के हिस्से की शराब बिहार भेजते जो जो बिक्री का लक्ष्य पूरी नहीं कर पाते हैं। अगर सही मायने में शराब तस्करी का खेल पांच माह से चल रहा था तो आखिर आबकारी विभाग की भारी-भरकम टीम सोई कैसे रह गई?

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हवाला के जरिए भेजे जाते रुपये

शराब के अनाधिकृत कारोबार से हो रही अकूत कमाई को सरकारी एजेंसियों से छिपाने के लिए रुपये हवाला के जरिए भेजे जाते थे। बस और ट्रेन के जरिए नकदी वाराणसी पहुंचाई जाती थी।

मामा-भांजे की मिलीभगत से फल-फूल रही थी तस्करी

औरंगाबाद बिहार के कोठिया निवासी रणविजय शर्मा सिगरा स्थित प्रशांत कार्गो ट्रांसपोर्ट के मालिक है। ट्रांसर्पोर्ट की पटना स्थित शाखा की देखरेख उनका भांजा और पटना निवासी सोनू करता था। पटना के अचार कारोबारी जितेंद्र सेठ सोनू से सांठगांठ कर शराब मंगाने की ठानी और उसे अंजाम देने लग गए। जिसमें रणविजय की भूमिका भी जांच में सामने आ रही है।

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