Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी एयरपोर्ट पर इटली के पर्यटक के पास मिला सेटेलाइट फोन, बोला- नहीं पता था भारत में है प्रतिबंध

    वाराणसी एयरपोर्ट पर शनिवार को एक इटली के पर्यटक के पास से सेटेलाइट फोन बरामद हुआ। ट्रंबेटो एलेसेंड्रो और उसके दो साथियों को पूछताछ के लिए फूलपुर पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने सेटेलाइट फोन जब्त कर यात्री को छोड़ दिया। ट्रंबेटो ने बताया कि वे पर्वतारोही हैं और नेपाल भी पर्वतारोहण के लिए गए थे। उन्हें भारत में सेटेलाइट फोन पर प्रतिबंध की जानकारी नहीं थी।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 24 Aug 2025 07:22 AM (IST)
    Hero Image
    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शनिवार को इटली के एक पर्यटक के पास सेटेलाइट फोन बरामद हुआ। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने ट्रंबेटो एलेसेंड्रो और उसके दो साथियों को पूछताछ के लिए फूलपुर पुलिस को सौंप दिया।

    फूलपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ के बाद सेटेलाइट फोन जब्त कर यात्री को छोड़ दिया गया है। ट्रंबेटो एलेसेंड्रो और उसके दो साथियों को इंडिगो एयरलाइंस के विमान से बेंगलुरु जाना था। वे शाम चार बजे हवाई अड्डे पहुंचे। सिक्योरिटी होल्ड एरिया में सीआइएसएफ के जवानों को ट्रंबेटो के पास सेटेलाइट फोन मिला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उसने बताया कि इटली से सात यात्रियों के दल के साथ वह पांच अगस्त को नई दिल्ली पहुंचा था। वहां से नेपाल चले गए। 20 अगस्त को काठमांडू से सड़क मार्ग से वाराणसी पहुंचे। तीन दिन बनारस घूमने के बाद चार सैलानी दिल्ली चले गए और ट्रंबेटो समेत तीन यात्री बेंगलुरु जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। बेंगलुरु से उन्हें केरल के कोच्चि जाना था।

    यह भी पढ़ें- वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर नहीं फंसेंगे जाम में, हनुमानगंज बाईपास पर ट्रैफिक शुरू

    ट्रंबेटो ने बताया कि वह लोग पर्वतारोही हैं। नेपाल भी पर्वतारोहण के लिए गए थे। पर्वतारोहण के दौरान सेटेलाइट फोन की जरूरत पड़ती है, इसलिए साथ रखते हैं। इटली में यह प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन भारत में इस पर प्रतिबंध है, इसका पता नहीं था। इटली से यात्री सेटेलाइट फोन लेकर नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा और बनारस तक चला आया, लेकिन जिम्मेदार अफसरों को पता तक नहीं चला।