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वाराणसी-आजमगढ़ हाईवे पर फोरलेन निर्माण में अड़चनें, मुआवजा दरों पर विवाद जारी; NHAI तलाश रहा तीसरा रास्ता

वाराणसी-आजमगढ़ हाईवे पर फोरलेन निर्माण में अड़चनें आ रही हैं। जौनपुर सीमा में 17 किमी सड़क के लिए 63.75 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण नहीं हो सका है। 20 गांवों के किसानों को मुआवजा दरों पर विवाद है। एनएचएआई और प्रशासन मिलकर मामले का समाधान निकालने में जुटे हैं। अधूरी सड़क को बनाने के लिए बाइपास आरओबी और पुल बनाया जाएगा।

By Sangram Singh Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 11 Sep 2024 09:19 PM (IST)
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वाराणसी-आजमगढ़ हाईवे की बनेगी 17 किमी अधूरी सड़क (प्रतिकात्मक फोटो)

संग्राम सिंह, वाराणसी। वाराणसी-आजमगढ़ हाईवे (एनएच-28) पर जौनपुर सीमा में करीब 17 किमी. सड़क फोरलेन नहीं बन पा रही है क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को 63.75 हेक्टेयर भूखंड नहीं मिल सका है।

20 गांवों के पांच हजार किसानों के लिए 373 करोड़ रुपये मुआवजा राशि तय की गई है, लेकिन हाई कोर्ट ने आर्बिट्रेटर (मध्यस्थ) के रूप में जिलाधिकारी जौनपुर को मुआवजा दरों पर अंतिम फैसला करने के आदेश हुए हैं।

प्रकरण का तीसरा रास्ता निकालने में जुटी प्रशासन

एनएचएआइ और प्रशासन मिलकर प्रकरण में तीसरा रास्ता निकालने में जुटे हैं। अधूरी सड़क को बनाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाने लगी है। दानगंज और चंदवक में करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबा बाइपास, एक आरओबी और गोमती नदी में 200 मीटर लंबा पुल भी बनेगा।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में लंबित कार्यों की लागत करीब 220 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब पुनरीक्षित लागत राशि का आंकलन शुरू हुआ है।

आजमगढ़ से बनारस के बीच करीब 120 किमी. सड़क को फोरलेन बनाने की स्वीकृति मिली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दो पैकेज में 5600 करोड़ स्वीकृत कर दिए। करीब 104 किमी. सड़क फोरलेन बन गई, लेकिन जौनपुर के 20 गांवों में मुआवजा दरों को लेकर विवाद हो गया। साढ़े पांच हजार किसान आंदोलित हो गए। उनका कहना था कि उन्हें भी बनारस की तरह ही मुआवजा दिया जाए लेकिन मंत्रालय ने इससे इनकार कर दिया।

अधूरी सड़क का नहीं लिया जा रहा टैक्स

इसी हफ्ते बनारस के ढेरही (डेरही) गांव में दूसरा टोल प्लाजा शुरू हुआ है, जबकि आजमगढ़ के कोटिला में डेढ़ साल से टोल वसूली चल रही है। ढेरही टोल से जुड़े क्षेत्रीय लोगों का विरोध है कि जब सड़क ही नहीं बनीं तो टोल क्यों दी जाए। प्राधिकरण का कहना है कि 60 किमी. में एक टोल बनाने का प्राविधान है। ढेरही में अधूरी सड़क का टैक्स नहीं लिया जा रहा है।

17 किलोमीटर सड़क बनने के बाद टोल राशि डेढ़ गुना कर दी जाएगी। मसलन, कार, जीप और हल्के वाहनों से सिंगल यात्रा पर 70 रुपये टोल टैक्स लिया जा रहा है। फोरलेन होने के बाद यह राशि 110 से 120 रुपये के बीच हो जाएगी।

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जौनपुर के गांवों की चिह्नित जमीन

कनौरा में 3.80 हेक्टेयर, मोरखा 3.55 हेक्टेयर, अइलिया 1.02 हेक्टेयर, विशुनपुर लेवरूआ 2.22 हेक्टेयर, लेवरूआ 1.29 हेक्टेयर, बिहरदय 0.58 हेक्टेयर, सिंधौनी 4.77 हेक्टेयर, खुज्झी 7.34 हेक्टेयर, रामदेवपुर 9.21 हेक्टेयर, चंदवक 8.24 हेक्टेयर, हरदासीपुर 0.46 हेक्टेयर, परसूपुर 1.96 हेक्टेयर, फरीदपुर 1.89 हेक्टेयर, रामगढ़ 4.58 हेक्टेयर , बलुआ 2.76 हेक्टेयर, वीरभानपुर 0.97 हेक्टेयर, आराजी बलुआ 0.15 हेक्टेयर, बरछई 3.11 हेक्टेयर व परसौड़ी गांव में 4.60 हेक्टयर जमीन।

कंजहित से दानगंज के मध्य करीब 16.75 किलोमीटर सड़क अधूरी है, इसके कारण इतनी दूरी की राशि टोल में नहीं जोड़ी गई है। सड़क बनने के बाद धनराशि को जोड़ा जाएगा। इस समय पूरा ध्यान अधूरी सड़क को बनाने की दिशा में है। जनता का हित सर्वोपरि है। जौनपुर में जमीन का विवाद सुलझाने का प्रयास है। पूर्व में तय की गई मुआवजा दरों को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

- प्रवीण कुमार कटियार, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ

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