Varanasi Famous Sweet: एक बार बनाइये और महीनों खाइए बनारस की ये मिठाइयां, स्वाद में अनमोल है मधुर रस
Varanasi Famous Sweet काशी की उदार संस्कृति के अनुरूप सबको आत्मसात करने की प्रवृत्ति ने भी बनारसी मिठाइयों के भंडार को निरंतर समृद्ध किया है। बनारस के मोदनवालों के नित नए प्रयोग प्राय स्वांत सुखाय होते हैं। कई दफा इनके प्रयोगों की दिशा भोजन हिताय भी पाई गई है। बनारस की हर गली में एक नई तरह की मिठाई दुकानों पर मिल ही जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 01 Jul 2023 03:20 PM (IST)
वाराणसी, डिजिटल डेस्क। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी मां गंगा और अपने प्राचीन मंदिरों की खूबसूरती के साथ ही मिठाइयों के लिए भी फेमस है। बात यदि आज की करें तो कोलकाता अपने संदेश व रसगुल्ले के लिए मशहूर है। दिल्ली और कराची का सोहन हलवा लाजवाब है, मथुरा के पेड़े तो आगरा का पेठा पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ता है। वहीं बनारसी प्रवृत्ति हर रोज कुछ नया कर दिखाने की रही है। यानि हर दो-चार हफ्ते बाद यहां एक नई मिठाई नए नाम के साथ बाजार में आती है और लोगों की जुबान पर उसका स्वाद चढ़ जाता है।
मिठाइयों में शामिल हुआ श्रीखंड
दूध विनायक में मराठी बस्ती बसी तो मिठाइयों की फेहरिस्त में श्रीखंड शामिल हो गया। चौखंभा में गुजराती आबादी ने पांव पसारे तो तिल और सोंठ के लड्डू भी का जायका मिल गया। शहर के दक्षिण बंगीय बस्ती ने आकार लिया तो रसगुल्ला, संदेश, गजा, पंतुआ का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ गया। सिंधी बंधु आए तो कुरकुरी इमरतियों व कराची हलवा का तोहफा साथ लेकर आए। फर्क इतना जरूर है कि मेहमान श्रेणी की इन मिठाइयों में भी एक खास बनारसी टच आपको जरूर मिलेगा।
मिठाइयों की कई वैरायटी है यहां
बनारस में मिठाइयों की जितनी वेरायटी हैं पूरे देश ही नहीं, दुनिया में कहीं नहीं मिलती हैं। चीनी के बताशे और गट्टे से लगायत मलाई गिलौरी तक लगभग दो हजार से अधिक किस्मों की मिठाइयां सिर्फ बनारस के बाजार में मिल सकती हैं।बस एक बार बनाइए, महीनों खाइए
- बात अगर मिठाइयों की किस्मों की करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि सूची बनाने में कई दिन लग जाएंगे।
- मलाई गिलौरी, मलाई पूड़ी, मलाई खीर, सोंठ व गोंद के लड्डू, कादंबरी, कृष्णप्रिया, रसप्रिया, रसमाधुरी, रसमलाई, करण शाही, काजू बर्फी, केसर पट, केसर लड्डू वगैरह की गिनती विशिष्ट श्रेणी में है।
- अपनी खालिस पहचान के साथ किस्मों की भीड़ में खड़ी इमरती, बालूशाही, गुझिया, सोन पपड़ी, मंसूर घेवर, मगदल आदि ऐसी मिठाइयां हैं जो महीनों तक उपयोग में लाई जा सकती हैं।
- केसर के बघार वाली चंद्र पाग जैसी मिठाइयां विशिष्ट श्रेणी में आती हैं व खास आर्डर पर ही बनाई जाती हैं। गुलाब जामुन, चमचम, खीरमोहन, खीरकदम, तीन सौ से भी ज्यादा किस्मों वाली बर्फियां, दो सौ से भी ज्यादा वेरायटी के लड्डू, काला जाम, कलाकंद बगैरह साधारण श्रेणी के आइटम हैं।
सुबह का नाश्ता है जलेबी
बनारस की पहचान कही जाने वाली 'राउंड-राउंड स्टाप' मार्का खमीरी जलेबियों को दुनिया मिठाई माने, लेकिन बनारसी इसे मिठाई मानते ही नहीं। गरम-गरम कचौड़ियों के साथ जलेबी बनारस में सुबह का नाश्ता है।क्वीन एलिजाबेथ काशी यात्रा के दौरान जब महाराज विजयानगरम की अतिविशिष्ट अतिथि बनीं तो महाराज के आग्रह पर प्रसिद्ध मिष्ठान्न प्रतिष्ठान 'मधुर जलपान' के संचालकों ने नायाब आइटमों के शोध क्रम में सौ से अधिक प्रयोग किए। अंतत: शत-प्रतिशत कामयाबी मिली मलाई खीर को। पिस्ता बादाम मिश्रित दूध, मलाई और रबड़ी के तर यह आइटम चखने के बाद हुकूमत-ए- बरतानिया की महारानी अश-अश कर उठीं।
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