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Varanasi Air Quality काशी के अतिरिक्त देश अन्य चार शहरों पटना मुंबई कोलकाता और लखनऊ में भी पहले की तुलना में पीएम 2.5 का स्तर घटा है। क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा देश के सात प्रमुख शहरों में लगातार दो सर्दियों में पीएम 2.5 पर किए गए तुलनात्मक अध्ययन में यह तस्वीर सामने आई है। क्लाइमेट ट्रेंड्स का यह अध्ययन सर्दियों में प्रदूषण विरोधाभास पर भी प्रकाश डालता है।

By Shailesh Asthana Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 03 Apr 2024 01:12 PM (IST)
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Varanasi Air Quality: वाराणसी की हवा में लगातार दो सर्दियों से पीएम 2.5 कण राष्ट्रीय मानक के अनुकूल बना है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। Varanasi Air Quality विकास कार्यों का प्रभाव न सिर्फ सुविधाओं में बल्कि सांसों में भी दिखने लगा है। देश में बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के तमाम उपायों के बाद भी इस बार जहां सर्दियों में दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों में प्रदूषण स्तर बढ़ा रहा, वहीं वाराणसी की हवा में लगातार दो सर्दियों से पीएम 2.5 कण राष्ट्रीय मानक के अनुकूल बना हुआ है।

धूल के महीन कणों से युक्त यह हवा आमजन के स्वास्थ्य के अनुकूल है। काशी के अतिरिक्त देश अन्य चार शहरों पटना, मुंबई, कोलकाता और लखनऊ में भी पहले की तुलना में पीएम 2.5 का स्तर घटा है। क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा देश के सात प्रमुख शहरों में लगातार दो सर्दियों में पीएम 2.5 पर किए गए तुलनात्मक अध्ययन में यह तस्वीर सामने आई है।

क्लाइमेट ट्रेंड्स का यह अध्ययन सर्दियों में प्रदूषण विरोधाभास पर भी प्रकाश डालता है। पता चलता है कि दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान जनवरी और फरवरी की तुलना में कम तापमान के बावजूद प्रदूषण का स्तर अधिक पाया गया।

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इसके लिए हवा के पैटर्न और सर्दियों के महीनों में पराली जलाने जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन पर आगे के अध्ययन इस घटना का गहराई से अध्ययन कर सकते हैं।

हालांकि संस्था ने वाराणसी में सुधार के पीछे के सटीक कारण स्पष्ट नहीं दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उन विशिष्ट उत्सर्जन स्रोतों की पहचान करने के लिए गहन विश्लेषण की आवश्यकता है, जिन पर अंकुश लगाया गया है।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. अतेंद्रपाल सिंह भविष्य की योजना के लिए स्रोत निर्धारण अध्ययनों के महत्व पर जोर देते हैं। जबकि क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डा. सतीश चंद्र शुक्ल का कहना है कि विकास कार्यों के पूर्ण होने, इलेक्ट्रिक रिक्शों व सीएनजी वाहनों की संख्या बढ़ने से शहर में हानिकारक महीन धूल के कणों की मात्रा घटी है।

सर्दियों में सात शहरों में पीएम 2.5 का स्तर

शहर 2022-23 2023-24

पटना 148 105

चंडीगढ़ 90 100

मुंबई 75 58

कोलकाता 80 75

वाराणसी 45 30

दिल्ली 155 175

नोट: आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में।

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