वाराणसी में पति-पत्नी और उनके तीन बच्चों की गोली लगने से मौत मामले में पुलिस के शक की सूई पीड़ित परिवार से जुड़े अपनों पर घूमी है। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर अपराध डॉ. के एजिलरसन ने देर रात लंका थाने पर अधिकारियों संग बैठक कर रणनीति बनाई। दावा किया कि 24 से 48 घंटे में नए राज खुलकर सामने आ सकते हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी।
राजेंद्र गुप्ता की नीतू दूसरी पत्नी थी और दोनों ने प्रेम विवाह किया था। इस रिश्ते को लेकर नीतू के पिता खुश नहीं थे। नाराजगी में उन्होंने वाराणसी छोड़ दिया था। अंत में इस प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत हो गया।
राजेंद्र के जिस मकान में शराब ठेका था, उसके सामने नीतू का परिवार रहता था। राजेंद्र पहले से शादीशुदा था और उसके दो बेटियों थीं, लेकिन उसका नीतू के साथ प्रेम संबंध हो गया। इसका पता चलने पर दोनों के स्वजन ने आपत्ति जताई। भाई, उसकी पत्नी और पिता की हत्या के आरोप में राजेंद्र जेल गया, तब भी दोनों के बीच संबंध बना रहा। इससे परेशान होकर उसकी पहली पत्नी दो बेटियों के साथ अपने मायके कोलकाता चली गई।
राजेंद्र ने ब्राह्मण परिवार की नीतू से शादी कर ली। उसे पत्नी बनाकर अपने घर ले आया और साथ रहने लगा। इससे दुखी होकर नीतू के पिता अपना मकान बेचकर वाराणसी से चले गए। नीतू व राजेंद्र के दो बेटे व एक बेटी हुई। बीतते वक्त के साथ दोनों के बीच छोटी-मोटी बातों पर विवाद शुरू हो गया।
नीतू राजेंद्र पर दूसरी महिलाओं से संबंध रखने का आरोप लगाती थी। दोनों के झगड़ों की वजह से बच्चे परेशान रहते थे, लेकिन राजेंद्र के गर्म मिजाज की वजह से किसी के कुछ कहने की हिम्मत नहीं होती थी।
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