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Varanasi News: पैसा जमा होने के बावजूद प्लॉट पर कब्जे के लिए भटक रहे लोग, 12 साल से चक्कर लगाने को मजबूर

वाराणासी में कब्जा पाने के लिए लोग आवंटी मंडलायुक्त जिलाधिकारी व विकास प्राधिकरण कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। कई लोग ‘दैनिक जागरण’ कार्यालय पहुंचकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं।

By Edited By: Ashish PandeyUpdated: Tue, 27 Dec 2022 04:36 PM (IST)
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उत्तरप्रदेश के वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) का कारनामा परत दर परत सामने आ रहा है।

जेपी पांडेय, वाराणसी: उत्तरप्रदेश के वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) का कारनामा परत दर परत सामने आ रहा है। वीडीए ने कई लोगों की जमीन पर कब्जा कर लिया या अपने नाम जमीन कराए बगैर प्लॉट आवंटित करने के साथ पैसा जमा करा लिया है।

वीडीए का चक्कर लगा रहे लोग

कब्जा पाने के लिए लोग आवंटी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व विकास प्राधिकरण कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। कई लोगों ने बैंक से कर्ज लेकर प्लॉट लिया है और लोन तक जमा कर दिया लेकिन कब्जा कब मिलेगा यह कोई बताने वाला नहीं है।

दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचकर बयां किया दर्द

वीडीए ने डॉक्टर को बेच दी बंजर जमीन’ खबर प्रकाशित होते ही कई लोग ‘दैनिक जागरण’ कार्यालय पहुंचकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। बड़ा लालपुर आवासीय योजना के तहत डा. विवेक राज सिंह प्लॉट नहीं मिलने से परेशान हैं। सिगरा के गांधी नगर के रहने वाले डा. मुकेश कुमार राय ने विकास प्राधिकरण से हबीबपुरा आवासीय योजना के तहत मौजा हबीबपुरा में 15.91 लाख रुपये में कुल 139.50 वर्ग मीटर प्लॉट लिया।

20 जनवरी 2009 को खुली बोली में वीडीए से उन्हें प्लॉट आवंटित हुआ। वीडीए ने 24 जनवरी को आवंटन पत्र दिया। डा. राय ने भारतीय स्टेट बैंक से 28 जनवरी 2009 को 8.28 लाख रुपये लोन कराते हुए पूरा पैसा वीडीए को जमा कर दिया। 28 मार्च 2009 को वीडीए ने उक्त प्लॉट की रजिस्ट्री कर दी। इस दौरान बैंक ब्याज 8.50 प्रतिशत था। जमीन पर कब्जा नहीं मिलने पर बैंक ने एक अप्रैल 2011 को ब्याज दर 15.45 कर दिया और मजबूरीवश डा. राय को अधिक ब्याज पर बैंक में पैसा जमा करना पड़ा।

नहीं मिलता कोई जवाब

डा. राय का कहना है कि आवंटित प्लॉट लेने के लिए जिलाधिकारी, वीडीए कार्यालय का पिछले 12 वर्ष से चक्कर लगा रहा हूं लेकिन आज तक कब्जा नहीं मिला। वीडीए कार्यालय में अधिकारी से लेकर लिपिक कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते हैं कि आवंटित प्लॉट कब मिलेगा। हमने यह भी कहा कि उक्त स्थान पर जमीन नहीं है तो मुझे दूसरे स्थान वीडीए उपब्लध करा दें लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

प्रमुख सचिव को भी लिखा पत्र

वीडीए की कार्यप्रणाली से परेशान डा. मुकेश कुमार राय ने अंतिम पत्र आठ जनवरी 2022 को वीडीए उपाध्यक्ष को लिखा है। इसकी कापी प्रमुख सचिव शहरी विकास समेत अन्य अधिकारियों को दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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