Move to Jagran APP

क्रिप्टो करेंसी के बहाने 15 करोड़ की ठगी करने वाला गिरफ्तार, बिहार-झारखंड, उत्तराखंड तक फैला था जाल

यूपी के वाराणसी में पुल‍िस ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके अच्छी कमाई के लालच देकर 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य शुभम उर्फ विशाल मौर्या को गिरफ्तार किया है। ठगी के शिकार हुए लोगों की संख्या लगभग तीन हजार है और पुलिस को आशंका है कि ठगी की रकम 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

By devendra nath singh Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 12 Nov 2024 01:31 PM (IST)
Hero Image
क्रिप्टो कैरेंसी में निवेश के बहाने ठगी करने का आरोपित (दाएं से दूसरा)
जागरण संवाददाता, वाराणसी।  क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके अच्छी कमाई के लालच देकर 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य रामनगर के भीटी मच्छरहट्टा निवासी शुभम उर्फ विशाल मौर्या को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और ढाई लाख की यामाहा की बाइक बरामद हुई है। मामले में सात अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। ठगी के शिकार हुए लोगों की संख्या लगभग तीन हजार है और पुलिस को आशंका है कि ठगी की रकम 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

साइबर क्राइम थाना पुलिस को रामनगर के राजू कुमार की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच में पता चला कि सितंबर 2022 को बस्ड ग्लोबल नाम की कंपनी शुरू की गई थी। इसका ऑफिस रामनगर में था। ठगों ने कंपनी को विश्वसनीय बनाने के लिए वेबसाइट आदि भी बनवाया था। उन्नाव का अर्जुन शर्मा, बदायूं के सुकतिया चितरी का राजकुमार मौर्या, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग का प्रकाश जोशी कंपनी के निदेशक थे।

रामनगर के भीटी मच्छरहट्टा के नवनीत सिंह, शुभम मौर्या, पंचवटी के विकास नंदा, गोलाघाट का मो. दानिश खान, रामेश्वर पंचवटी के सत्यम पांडेय को सुपरवाइजर बनाया गया। इन लोगों ने स्थानीय युवकों को अच्छा वेतन और कमीशन का लालच देकर नौकरी पर रखा और इनके जरिए 600 दिन में रुपये दोगुणा करने का झांसा देकर लोगों से क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराने का काम शुरू किया।

ठगों ने वाराणसी और आसपास के जिलों के अलावा बिहार, झारखंड, उत्तराखंड के लोगों को शिकार बनाया है। बिहार के नवनीत सिंह ने रामनगर के पते पर अपना आधार कार्ड बनवाया और स्थानीय परिचय देकर लोगों से मिलने लगा। उसने ही स्थानीय युवकों को अपने साथ जोड़ा। वे रुपये क्रिप्टो करेंसी में लगाते और उससे होने वाले लाभ से निवेशकों को पैसे देते थे। धीरे-धीरे उन्होंने सात अलग-अलग कंपनियां बना लीं और निवेश भी बढ़ने लगा।

अक्टूबर 2023 में कंपनी के निदेशकों ने घाटा बताकर लोगों को पैसा देना बंद कर दिया। इस साल मई में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी रुपये लेकर फरार हो गए। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से बिहार और झारखंड में छिप रहे शुभम उर्फ विशाल मौर्या को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।

भारत में मान्य नहीं क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल संपत्ति है, जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। दुनिया भर में अलग-अलग क्रिप्टो जैसे बिटकाइन, एथेरियम, डोजीकाइन आदि हैं। अलग-अलग देशों में अलग-अलग नियम और कानून हैं। भारत में क्रिप्टो करेंसी अभी मान्य नहीं है, इसलिए निवेशक इसमें ट्रेडिंग अपनी जोखिम पर करते हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।