UP Police: पुलिसकर्मियों को दिखाई जाएगी उनकी नौकरी की कुंडली, सर्विस बुक देखकर ला सकेंगे बदलाव
UP Police News वाराणसी पुलिस ने पुलिसकर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब उन्हें अपनी सर्विस बुक देखने के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पुलिस प्रशासन ने सिपाही से इंस्पेक्टर तक सभी को अपनी सर्विस बुक दिखाने का फैसला किया है। इस व्यवस्था से पुलिसकर्मियों को कई तरह के फायदे होंगे। इसके लिए हेल्प डेस्क का गठन होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पुलिसकर्मियों को अपना सर्विस बुक देखने के लिए बाबुओं के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पुलिस प्रशासन ने सिपाही से इंस्पेक्टर तक को सर्विस बुक दिखाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से कानून-व्यवस्था प्रभावित न होने पाए, इसके लिए प्रत्येक दिन अल्फाबेटिकल (नाम के मुताबिक) 200 पुलिसकर्मी बुलाए जाएंगे।
हेल्प डेस्क का गठन होगा, जिसके कर्मचारी पुलिसकर्मियों को सर्विस बुक दिखाने संग उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में कदम बढ़ा पाएंगे।
क्या होता है सर्विस बुक
सर्विस बुक में नौकरी से जुड़ी गतिविधियों का संग्रह होता है। अभ्यर्थी के चयन संबंधी आदेश, शैक्षिक दस्तावेज, विभिन्न जगहों पर हुई तैनाती का विवरण अलग-अलग पन्नों पर अंकित रहता है। एक से दूसरे जिले में तबादले पर जाने के साथ ही सर्विस बुक वहां भेज दिया जाता है। जिसे देख अधिकारी एक नजर में कर्मचारी के बारे में आकलन कर लेते हैं।
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पुलिसकर्मियों को क्या होंगे फायदे
- जरूरत मुताबिक नामिनी बदलवा कर सकेंगे।
- करेक्टर रोल से जान पाएंगे कि उनमें किस तरह के सुधार की जरूरत है।
- सैलरी में किस वर्ष कितनी वृद्धि हुई।
- कितनी बार किस मामले में दंड मिल चुका है।
नंबर गेम
- 68 इंस्पेक्टर।
- 851 सबइंस्पेक्टर।
- 1302 मुख्य आरक्षी।
- 3510 आरक्षी।
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डीसीपी मुख्यालय प्रमोद कुमार ने कहा कि शादी से पूर्व नौकरी मिलने पर युवा मां-पिता में किसी एक को नामिनी बनाते हैं। विवाहित होने पर उनकी प्राथमिकता बदल जाती है। कर्मचारी ने कितने दिन अवकाश लिया, कितनी बार दंडित हुआ, करेक्टर पंजिका पर क्या अंकित है, आदि देख भविष्य की रणनीति में बदलाव किया जा सकता है। सर्विस बुक नौकरी का आइना होता है, जिसे देखकर कर्मचारी वक्त मुताबिक जरूरी सूचनाएं अपडेट करा पाएंगे।