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UP News: काशी से सात घंटे 20 मिनट में देवघर पहुंचाएगी वंदे भारत, आठ कोच वाली एक्सप्रेस भरेगी रफ्तार

वाराणसी से देवघर के बीच चलने वाली वंदे भारत की शुरुआत 16 सितंबर से हो रही है। इस ट्रेन का किराया चेयरकार के लिए 1355 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए 2415 रुपये है। ट्रेन में कुल 20 कोच होंगे जिसमें 18 चेयरकार और 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के होंगे। ट्रेन वाराणसी से देवघर के बीच पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन सासाराम जंक्शन गया जंक्शन नवादा कियूल जंक्शन और जसीडीह जंक्शन पररुकेगी।

By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 15 Sep 2024 12:11 PM (IST)
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नई दिल्ली जाने वाली 20 कोच की वंदे भारत एक्सप्रेस l स्रोत-रेल
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बड़ी संख्या में रेल यात्रियों का इंतजार खत्म होने वाला है। 16 सितंबर से विश्वनाथ धाम से बाबा वैजनाथ (देवघर) धाम का रिश्ता मजबूत करने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस नियमित रफ्तार भरेगी। रेल प्रशासन ने वाराणसी से देवघर का चेयरकार किराया 1355 रुपये और गया तक का किराया 755 रुपये निर्धारित कर दिया है।

एक्जीक्यूटिव श्रेणी के आरक्षण टिकट से गया जाने के लिए 1405 रुपये और देवघर जाने के लिए 2415 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। 15 सितंबर को उद्धाटित ट्रेन देवघर से चलकर रात में वाराणसी पहुंचेगी, जहां उसका कैंट स्टेशन पर रेल अधिकारी स्वागत करेंगे।

सबसे ज्यादा 20 मिनट पीडीडीयू जंक्शन पर होगा ठहराव - वाराणसी से देवघर के बीच 456 किमी. की दूरी निर्धारित करने में वंदे भारत का सबसे ज्यादा ठहराव 20 (सुबह 6.50 बजे पहुंचकर 7.10 बजे रवाना होगी) मिनट का ठहराव पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर होगा।

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इसके बाद सासाराम में दो (सुबह 6.15 और 6.17 बजे) मिनट, गया में पांच (सुबह 9.25 और 9.30 बजे) मिनट, नवादा में दो (सुबह 10.05 और 10.07 बजे) मिनट, कियूल में दो (सुबह 10.53 और 10.55 बजे) मिनट, जसीडीह में दो (दोपहर में 1.15 और 1.17 बजे) मिनट ठहराव के बाद दोपहर में एक बजकर 40 मिनट बजे देवघर पहुंच जाएगी। यही वंदे भारत वापसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर 10 मिनट रुकेगी।

देवघर वंदे भारत में पहले दिन 25 यात्रियों ने कराई बुकिंग

सोलह सितंबर को वाराणसी से देवघर जाने वाली वंदे भारत के लिए रेलवे ने आरक्षण शुरू कर दिया। पहले दिन चेयरकार कोच में सफर के लिए 25 यात्रियों ने टिकट बुक कराया।

वाराणसी-देवघर के बीच इन स्टेशनों पर होगी ठहराव

-पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू)।

-सासाराम जंक्शन।

-गया जंक्शन।

-नवादा

-कियूल जंक्शन

-जसीडीह जंक्शन।

सबसे ज्यादा 20 रुकेगी पीडीडीयू जंक्शन पर

वाराणसी से देवघर के बीच 456 किमी. की दूरी निर्धारित करने में वंदे भारत का सबसे ज्यादा ठहराव 20 (सुबह 6.50 बजे पहुंचकर 7.10 बजे रवाना होगी) मिनट का ठहराव पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर होगा। इसके बाद सासाराम में दो (सुबह 6.15 और 6.17 बजे) मिनट, गया में पांच (सुबह 9.25 और 9.30 बजे) मिनट, नवादा में दो (सुबह 10.05 और 10.07 बजे) मिनट, कियूल में दो (सुबह 10्र.53 और 10.55 बजे) मिनट, जसीडीह में दो (दोपहर में 1.15 और 1.17 बजे) मिनट ठहराव के बाद दोपहर में एक बजकर 40 मिनट बजे देवघर पहुंच जाएगी। यही वंदे भारत वापसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर मात्र 10 मिनट रुकेगी।

नंबर गेम

  • 456 किमी. वाराणसी से देवघर की दूरी।
  • 223 किमी. वाराणसी से गया की दूरी।
  • -22499 बनकर देवघर से वाराणसी आएगी वंदे भारत।
  • -22500 बनकर वाराणसी से देवघर जाएगी वंदे भारत।
सीनियर डीसीएम फ्रेट/स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा कि सुबह छह बजे नई दिल्ली जाने वाली 22415 वंदे भारत 20 कोच के रैक के साथ 18 सितंबर से तो 22435 बनकर दोपहर बाद तीन बजे खुलने वाली वंदे भारत नियमित रूप से 17 सितंबर से चलेगी। 22415 वंदे भारत के नए रैक को प्रधानमंत्री 16 सितंबर को आनलाइन हरी झंडी दिखाएंगे। कैंट स्टेशन पर उद्धाटन की तैयारियां की जा रही हैं।

वाराणसी-दिल्ली वंदे भारत में 624 सीटें भरेंगी मांग और उपलब्धता का अंतर

वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाली दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस अब 16 के बजाए 20 कोचों वाली होंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के लिए इसे रेल मंत्रालय की सौगात ही कहेंगे। दरअसल, वाराणसी से खुलकर नई दिल्ली जाने वाली दोनों (सुबह छह बजे और दोपहर में तीन बजे खुलने वाली) ही वंदे भारत में सीट एक्यूपेंसी 118 फीसद होने के कारण लंबी वेटिंग चल रही थी।

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अब नई दिल्ली जाने के लिए यात्रियों को दोनों ट्रेन में 624 (एक ट्रेन में 312 सीट) सीटें मिलेंगी। समझिए सीटों का गणित -वंदे भारत अब 20 कोच की होगी। पूरी रैक में 18 कोच चेयरकार और दो कोच एक्जीक्यूटिव क्लास के होंगे। चेयर कार के एक कोच में 78 सीट होती है।

इस मुताबिक 18 कोच में चेयरकार सीटों की संख्या 1404 हो जाएगी। जबकि एक्जीक्यूटिव क्लास के दो कोच (प्रत्येक में 52 सीट) में 104 सीट हैं। दोनों ही श्रेणी में 1508 सीटें हो जाएंगी। 16 कोच वाली पुरानी रैक में चेयरकार और एक्जीक्यूटिव क्लास की कुल 1196 सीटें थीं। इस तरह एक ट्रेन में 312 सीटें बढ़ जाएंगी।

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