Varanasi Weather Update हवा का रूख बदलने से वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में बरसात, गंगा का जलस्तर बढ़ा
वाराणसी में शुक्रवार की सुबह झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। वहीं तापमान में गिरावट दर्ज की गई। कई दिनों से हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर भी बढऩे लगा है।
वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी में शुक्रवार की सुबह झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। वहीं तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इसके बाद दिन में दो बजे से बारिश फिर से शुरु हो गई। बारिश की बूंदों से किसानों के चेहर पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं बाबतपुर, सारनाथ, हरहुआ और रामनगर में भी तेज गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई है। वहीं लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर भी बढऩे लगा है। इसके कारण वाराणसी में गंगा एवं वरुणा किनारे बसे लोगों की धुकधुकी बढ़ गई है। हालांकि प्रयागराज, मीरजापुर, फाफामऊ, बलिया या गाजीपुर में गंगा स्थिर हैं।
28-29 जून तक ऐसे ही मौसम बने रहने की संभावना
एक दिन जहां हवा का रूख उत्तर-पूर्व था वहीं बीते गुरुवार को बदल गया। दक्षिणी-पश्चिमी हवा चलने से दिनभर में कई बार बारिश हुई। इसके कारण तापमान में भी गिरावट हुई। बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली। वैसे अभी 28-29 जून तक ऐसे ही मौसम बने रहने की संभावना जताई जा रही है। बदलते मौसम के अनुसार पूरे पूर्वांचल में अभी बारिश होती रहेगी। कारण कि उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश पर एक सिस्टम तैयार हो गया है।
साथ ही बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी बना हुआ है। इसकी वजह से लगातार बारिश हो रही है। वहीं, मानसून भी अब तेजी से बढ़कर हरियाणा के आगे निकल गया है। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि हवा का रूख बदलने के कारण दिन में कई बार बारिश हुई। साथ ही अधिकतम तापमान में भी करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई। अभी पूरे पूर्वांचल में व्यापक बरसात की संभावना बनी हुई है।
36 घंटे में 36 सेंटीमीटर बढ़ा गंगा का पानी
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार की सुबह आठ बजे वाराणसी में गंगा का जल स्तर 60.11 मीटर था। वहीं अगले दिन 24 घंटे बाद गुरुवार की सुबह आठ बजे तक तक बढकऱ 60.35 मीटर पर हो गया। वहीं जलस्तर में बढ़ाव रात तक जारी रहा। वहीं 36 घंटे बाद रात आठ बजे तक यह आंकड़ा 60.47 मीटर पर पहुंच गया था। यानी 36 घंटे में गंगा का जलस्तर 36 सेमी तक बढ़ गया था। बढ़ाव के साथ निचले घाटों व सीढिय़ों से गंगा का पानी घाट के मुख्य प्लेटफार्म की ओर बढऩे लगा है। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से दशाश्वमेध घाट पर दैनिक गंगा आरती के लिए प्रयुक्त होने वाली मढ़ी तक पानी पहुंच गया है। नौकाओं की सुरक्षा के लिए माांझियों ने रात भर घाट पर पहरा दिया। पिछले साल बाढ़ के कारण जमकर तबाही हुई थी। सैकड़ों घरों के लोगों को राहत शिविर में रहना पड़ा था।