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Varanasi Weather Update : बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज पुरुवा हवा के कारण नमी बरकार, एक-दो दिन बारिश के आसार

बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज पुरुवा हवा के कारण नमी बरकार है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी भाग में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके कारण पूर्वांचल में भी अभी एक-दो दिन और बारिश होने की संभावना बनी हुई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 07:10 AM (IST)
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बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज पुरुवा हवा के कारण नमी बरकार है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बंगाल की खाड़ी से आ रही तेज पुरुवा हवा के कारण नमी बरकार है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी भाग में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके कारण पूर्वांचल में भी अभी एक-दो दिन और बारिश होने की संभावना बनी हुई है। बुधवार की सुबह में भी बारिश हुई। इसके अलावा मंगलवार की तेज बारिश हुई थी। गुरुवार को सुबह से आसमान में बादल छाए है।

एक दिन में ही करीब 61 मिमी दर्ज की गई। इसके साथ ही सितंबर माह में 263 मिमी बारिश हो चुकी है। इसके कारण तापमान में गिरावट भी हो रहा है और लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिल रही है। सोमवार से ही बारिश हो रही है। हालांकि मंगलवार को दिन में धूप निकली थी, लेकिन देर शाम गरज के साथ बारिश हुई। आगे भी एक-दो दिन ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है।

इस साल सावन, भादो माह सुखा ही गुजरा, लेकिन क्वार में लगातार कई दिनों से रूक-रूक कर बारिश हो रही है। इसके करण लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने के साथ ही रात को मामूली ठंडक की भी शुरूआत हो गई है। कारण कि इस माह तापमान औसत से कम ही रहा है।

सोमवार को अधिकत तापमान 32.8 तो न्यूनतम तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस हो गया था। वहीं आर्द्रता 86 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। बताया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी में हो रही हलचल के कारण अभी एक-दो दिन और बारिश हो सकती है। वह भी तेज। वहीं मंगलवार की रात को तेज बारिश हुई।

अधिकतम तापान 32.4 व न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस हो गया था। वहीं बुधवार को अधिकतम तापमान 32.2 व न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस हो गया था। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि मध्य प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी भाग में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके कारण बारिश की संभावना बन गई है। प्रो. पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को भी बारिश की संभावना है।

जानिए क्या है गंगा का जलस्तर

गंगा में बाढ़ की रफ्तार सोमवार से ही धीमी चल रही है। रविवार व सोमवार सुबह जहां गंगा प्रति घंटे चार से पांच सेमी की रफ्तार से बढ़ रही थी। वहीं रात से यह रफ्तार घट गई। मंगवार की रात में दो घंटे में मात्र एक सेमी ही बढ़ाव हो रहा था। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। बताया जा रहा है कि बुधवार को गंगा का जलस्तर स्थिर होने की उम्मीद है।

पिछले माह गंगा का जलस्तर काफी बढ़ गया था। सभी घाटों का संपर्क टूट गया था और कई कालोनियों में भी पानी भर गया था। इसके कारण लोगों को दूसरे स्थान पर जाना पड़ा था। सबसे अधिक उन लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि करीब दो सप्ताह तक गंगा शांत रही। इसके बाद जब रविवार को गंगा के जलस्तर में बढ़ावा शुरू हुआ तो लोगों की धुकधुकी बढ़ गई।

हालांकि अब उनके लिए राहत भरी खबर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार की रात को ही रफ्तार धीमी होकर प्रति घंटे दो सेमी हो गया था। वहीं मंगलवार की शाम साढ़े पांच बजे प्रति घंटे एक सेमी ही बढ़ाव हो रथा। वहीं रात साढ़े आठ बजे रफ्तार और आधी होकर प्रति दो घंटे में एक सेमी हो गई। बुधवार की शाम को प्रति घंटे आधा सेमी की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में बढ़ाव हो रहा था।

73.901 : मीटर है गंगा का उच्चतम जलस्तर

71.262 : मीटर है गंगा का खतरे का निशान

70.262 : मीटर है गंगा में चेतावनी निशान

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