UP Monsoon Update: बलिया के रास्ते पूर्वी यूपी पहुंचा मानसून, कल से शुरू होगी बारिश
UP Monsoon Update वाराणसी में भी शनिवार या रविवार तक मानसून चंदौली सोनभद्र के रास्ते वाया सासाराम पहुंच जाएगा। बहरहाल पूर्वी उत्तर प्रदेश के अनेक क्षेत्र में प्री-मानसून वर्षा के क्रम में आंधी तेज हवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने या बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि मानसून काफी तेज गति पकड़ा है ।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रतीक्षा की घड़ियां समाप्त हुईं। इस बार बिहार के बक्सर होते हुए शुक्रवार को कुशीनगर, देवरिया, बलिया के रास्ते मानसून ने प्रवेश किया है। हालांकि, पहले दिन पहुंचे मानसून से तेज वर्षा तो नहीं हुई लेकिन बलिया में तेज हवा के साथ गरजते-चमकते बादलों की सघनता बढ़ गई। संभावना है कि रविवार तक पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून छा जाएगा।
वाराणसी में भी शनिवार या रविवार तक मानसून चंदौली, सोनभद्र के रास्ते वाया सासाराम पहुंच जाएगा। बहरहाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अनेक क्षेत्र में प्री-मानसून वर्षा के क्रम में आंधी, तेज हवा, गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने या बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है।
ऐसा रहा तापमान
वाराणसी में गुरुवार को इस तरह का वातावरण बनने के बाद शुक्रवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहे, बादलों से छनकर आई धूप से तापमान में कमी तो अवश्य आई मगर आर्द्रता बढ़ जाने के कारण उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल रहे।
बादलों की वजह से शुक्रवार को अधिकतम तापमान बीते 24 घंटे में 1.3 डिग्री सेल्सियस कम होकर सामान्य से महज एक डिग्री ऊपर 38.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह न्यूनतम तापमान में भी 0.8 डिग्री सेल्सियस की कमी आई और यह सामान्य से एक डिग्री अधिक 28.4 पर रहा। आर्द्रता 53 से 71 प्रतिशत के बीच रही।
आने वाले दिनों में होगी वर्षा
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव बताते हैं कि मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंच तो गया है लेकिन अभी द्रोणिका (ट्रफ) पूरी तरह से विकसित नहीं होने से तेज वर्षा नहीं हो सकी है। ट्रफ अभी बन रहा है आने वाले दिनों में लगातार वर्षा का वातावरण बन सकता है।
48 घंटे के भीतर वाराणसी पहुंचेगा मानसून
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि मानसून काफी तेज गति पकड़ा है और पूर्वानुमानों से पूर्व ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंच गया है। इधर, वाराणसी में भी 48 घंटे के भीतर कभी भी पहुंच सकता है। इन क्षेत्रों में बने प्री- मानसूनी वातावरण और मानसून की लहरें मिलकर चार-पांच दिनों तक अच्छी वर्षा करा सकती हैं। यदि तेज और लगातार वर्षा न हुई तो आर्द्रता बढ़ने के साथ उमस भरी गर्मी और परेशान कर सकती है।