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Varanasi: वरुणा नदी में चिह्नित नहीं हो सके अवैध निर्माण, VDA को कई बार दी गई चेतावनी; हरियाली संग बनना था पिकनिक स्पाट

Illegal Constructions सपा सरकार में विकास प्राधिकरण ने महायोजना-2031 घोषित की तो वरुणा नदी के किनारे 100 मीटर तक हरित पट्टी में शामिल किया गया। बाद में दायरा 50 मीटर कर दिया गया। वरुणा कारिडोर परियोजना पर काम शुरू हुआ तो विभाग ने हरित पट्टी में कार्रवाई करते हुए कुल 762 अवैध मकानों को चिह्नित किया। इन मकानों को जमींदोज करने की योजना भी बनी लेकिन...

By Jagran News Edited By: riya.pandey Updated: Mon, 29 Jan 2024 07:53 AM (IST)
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वरुणा में पहले से चिह्नित 762 अवैध निर्माण फाइलों में पड़े
जागरण संवाददाता, वाराणसी।  गंगा और वरुणा नदी के किनारे बारिश होने के साथ निचले इलाके में पानी भर जाता है। बाशिंदे दूसरे स्थान पर ठिकाना खोजने लगते हैं। जिला प्रशासन उन्हें सुरक्षित निकालने के साथ खाने-पीने के इंतजाम में जुट जाता है।

इन तमाम परेशानियों को देखते हुए जिलाधिकारी रहते कौशलराज शर्मा (मंडलायुक्त) ने अवैध निर्माण के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहराते हुए निचले इलाके में बने मकानों को चिह्नित करने के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। हालत यह है कि वीडीए के अभियंता मंडलायुक्त का आदेश नहीं मान रहे हैं।

सपा सरकार में विकास प्राधिकरण ने महायोजना-2031 घोषित की तो वरुणा नदी के किनारे 100 मीटर तक हरित पट्टी में शामिल किया गया। बाद में दायरा 50 मीटर कर दिया गया। वरुणा कारिडोर परियोजना पर काम शुरू हुआ तो विभाग ने हरित पट्टी में कार्रवाई करते हुए कुल 762 अवैध मकानों को चिह्नित किया। इन मकानों को जमींदोज करने की योजना भी बनी लेकिन कार्रवाई फाइल से आगे नहीं बढ़ सकी। रोक के बावजूद हरित पट्टी क्षेत्र में लगातार निर्माण जारी है और अब यह संख्या दो हजार से अधिक हो गई है। 

नोटिस जारी है

शासन-प्रशासन से सख्ती होने पर वीडीए अभियंता बस एक ही जवाब देते हैं, सर, उस भवन पर नोटिस जारी है। मकान सील है। ध्वस्तीकरण का आदेश पारित है। पुलिस अभिरक्षा में दिया गया है।

हरियाली संग बनना था पिकनिक स्पाट

वाराणसी विकास प्राधिकरण महायोजना-2031 में हरित पट्टी की जो परिकल्पना की गई है उसमें वरुणा नदी के किनारे हरियाली के साथ ही पिकनिक स्पाट विकसित करना था। मंशा यह थी कि करीब 10 किलोमीटर लंबाई में हरित पट्टी विकसित कर शहर में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करना था।

एनजीटी ने कार्रवाई कर मांगी थी रिपोर्ट

एनजीटी की निगरानी समिति के तत्कालीन चेयरमैन डीपी सिंह ने जिला प्रशासन व वीडीए अधिकारियों संग बैठक कर एक माह के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने को कहा था लेकिन कार्रवाई फाइल से आगे नहीं बढ़ सकी। आज वरुणा में हरियाली की बजाय गंदगी जरूर नजर आ रही है।

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