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उत्‍तर प्रदेश में गांव-गांव ढूंढी जाएंगी भजन-कीर्तन मंडलियां, लोक संस्कृति को संरक्षण देने की पहल

गांवों में भजन-कीर्तन करने वाली मंडलियों के कलाकारों की प्रतिभा अब राज्य व राष्ट्रीय पटल तक पहुंचेगी। संस्कृति मंत्रालय ने इनकी सुधि ली है। जिला प्रशासन को पत्र भेजकर गांवों में ऐसी मंडलियों को चिह्नित कर सूची भेजने का निर्देश दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 01:29 PM (IST)
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जिला प्रशासन को पत्र भेजकर गांवों में ऐसी मंडलियों को चिह्नित कर सूची भेजने का निर्देश दिया है।
चंदौली, जागरण संवाददाता। गांवों में भजन-कीर्तन करने वाली मंडलियों के कलाकारों की प्रतिभा अब राज्य व राष्ट्रीय पटल तक पहुंचेगी। संस्कृति मंत्रालय ने इनकी सुधि ली है। जिला प्रशासन को पत्र भेजकर गांवों में ऐसी मंडलियों को चिह्नित कर सूची भेजने का निर्देश दिया है। इन्हें बड़े मंचों पर प्रतिभा प्रदर्शन का मौका दिया जाएगा। साथ ही सरकार अन्य तरह से इनकी मदद करेगी। ताकि देश की प्राचीन परंपरा समाप्त न होने पाए।

गांवों में तमाम कलाकार हैं, जो रामलीला, रासलीला, भजन-कीर्तन, नाटक व अन्य क्षेत्रीय विधाओं से लोगों का मनोरंजन करने के साथ ही देश की धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा को जीवंत रखने का काम कर रहे हैं। हालांकि इन्हें कोई सरकारी मदद अथवा संरक्षण नहीं दिया जाता है। उपेक्षा की मार झेलते-झेलते अब इनका मोहभंग हो रहा है। संस्कृति मंत्रालय ने इनकी दशा सुधारने के लिए पहल की है। ऐसे कलाकारों को बड़े मंचों पर मौका दिया जाएगा। इससे उनकी प्रतिभा से लोग वाकिफ होंगे।

गांव-गांव होती है रामलीला : गांवों में रामलीला के मंचन की परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है। इसमें बाहरी नहीं, बल्कि गांव के ही कलाकार राम-सीता, हुनुमान, रावण समेत रामायण के प्रमुख नायकों व पात्रों का किरदार निभाते हैं। कोरोना काल में रामलीला एकाध साल के लिए बंद हुई, लेकिन अब दोबारा शुरू हो गई। जिले के अधिकांश गांवों में भजन-कीर्तन करने वाली मंडलियां हैं। ये घूम-घूमकर अलग-अलग स्थानों पर जाकर भजन-कीर्तन और रामायण पाठ करते हैं। मंत्रालय की पहल के बाद इनके दिन बहुरने की आशा जग गई है।

ग्राम प्रधानों की मदद से प्रशासन जुटाएगा जानकारी : जिला प्रशासन ग्राम प्रधानों की मदद से ऐसी मंडलियों की जानकारी जुटाएगा। इस कार्य में ग्राम पंचायत सचिवों को लगाया जाएगा। सचिव गांवों में मंडली के कलाकारों की सूची बनाकर ब्लाक के जरिए जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे। जिलाधिकारी स्तर से सूची मंत्रालय को भेजी जाएगी।

बोले अधिकारी : संस्कृति मंत्रालय ने गांव-गांव मंडलियों को ढूंढकर सूची भेजने का निर्देश दिया है। इस कार्य में प्रधानों व सचिवों की मदद ली जाएगी। जल्द ही सूची भेज दी जाएगी। - अजितेंद्र नारायण, सीडीओ। 

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