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Vindhya Corridor: सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट ले रहा आकार, अब मां विंध्यवासिनी धाम से कर सकेंगे मां गंगा के दर्शन

Vindhya Corridor 30 अक्टूबर 2020 को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नवंबर 2020 में विंध्य कॉरिडोर का काम शुरू हुआ। इसके अक्टूबर 2021 तक साकार होने की उम्मीद है। विंध्य कॉरिडोर कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ रुपये है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 05:06 PM (IST)
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विंध्य कॉरिडोर से मां विंध्यवासिनी के साथ अब मां गंगा भी एकाकार होंगी।
मीरजापुर [सतीश रघुवंशी]। उत्तर प्रदेश के विंध्याचल में स्थित मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने इस बार आएंगे तो यहां का नजारा बदला दिखेगा। मंदिर के चारों तरफ काफी खुली जगह नजर आएगी। विंध्य कॉरिडोर से मां विंध्यवासिनी के साथ अब मां गंगा भी एकाकार होंगी। सो अबकी चैत्र नवरात्र में एक ही स्थान से श्रद्धालु शक्ति धाम के साथ मां गंगा के भी दर्शन कर सकेंगे। कॉरिडोर के लिए भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही इसका उद्देश्य साकार होने लगा है। दर्शन-पूजन का रोड मैप तैयार कर लिया गया है। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी व गंगा को जोड़ने के लिए मार्गों को भव्य रूप दिया जा रहा है तो श्रद्धालुओं की कतार के लिए भी जगह बनाई जा रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर से गंगा को जाने वाले पक्का घाट मार्ग का भी विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत चौड़ीकरण किया जा रहा है। यह मार्ग लगभग 35 फीट चौड़ा व दो सौ मीटर लंबा होगा। इसके लिए रजिस्ट्री के साथ ही ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया चल रही है। कॉरिडोर निर्माण होने से श्रद्धालु विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन कर सकेंगे। इसके तहत चैत्र नवरात्र के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।

अक्टूबर तक योजना को पूरा करने का लक्ष्य : 30 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नवंबर 2020 में विंध्य कॉरिडोर का काम शुरू हुआ। इसके अक्टूबर 2021 तक साकार होने की उम्मीद है। विंध्य कॉरिडोर कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ रुपये है। परिक्रमा पथ में आने वाली परिसम्पत्तियों व भवनों को खरीदने के लिए 20 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। मंदिर से लगे चार प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण के लिए करीब 33 करोड़ रुपए की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है।

गंगा तट से मां विंध्यवासिनी का दर्शन : चार प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण की राह में 206 परिसंपत्तियां आ रही हैं। इनमें से 127 की रजिस्ट्री करा ली गई है।कॉरिडोर के अंतर्गत परिक्रमा पथ के निर्माण के लिए 92 भवन ध्वस्त किए जा चुके हैं। अब सकरी गलियों से मुक्ति के लिए न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी, थाना कोतवाली रोड व पक्का घाट मार्ग पर बने मकानों की रजिस्ट्री प्रक्रिया जारी है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद मंदिर से गंगा के दर्शन व गंगा तट से मां विंध्यवासिनी का दर्शन होगा।

  • विकास कार्य : लंबाई : लागत
  • परिक्रमा पथ : 50 फीट : 1941.41 लाख रुपये
  • न्यू वीआइपी गली : 35 फीट : 666.02 लाख रुपये
  • पुरानी वीआइपी गली : 40 फीट : 1567.28 लाख रुपये
  • कोतवाली गली : 35 फीट : 235.07 लाख रुपये
  • पक्का घाट की गली : 35 फीट : 902.24 लाख रुपये
हर कोना बयां करेगी अपनी पारंपरिक धरोहर

  • परिक्रमा पथ पर चैत्र नवरात्र में एक ही स्थान से हो जाएंगे दोनों मां के दर्शन।
  • त्योहार के मद्देनजर परियोजना को गति देने में जुटा जिला प्रशासन।
  • विश्व पटल पर उभरेगा विंध्यक्षेत्र का गौरव, गंगा घाट से मंदिर तक होगा निर्माण।
  • त्रिकोण संग गंगाघाट से विंध्यवासिनी मंदिर को जोड़ेगा कॉरिडोर।
  • निर्माण के बाद हर कोना बयां करेगी अपनी पारंपरिक धरोहर।
आसपास के प्रमुख आकर्षण केंद्र

  • मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा व उत्तराकाली (कालीखोह) का त्रिकोण दर्शन
  • रामगया घाट, मां तारा देवी मंदिर, रत्नेश्वर महादेव मंदिर व शिवपुर
  • त्रिकोण क्षेत्र में स्थित मोतिया तालाब, गेरूआ तालाब, नरसिंह तालाब, नागकुंड, भैरव कुंड व सीता कुंड
  • अघोरेश्वर भगवान राम तपोस्थली, अष्टभुजा पर्वत
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