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शक्तिपीठ सर्किट में शामिल हुआ विशालाक्षी मंदिर, पर्यटन नीति में किया गया संशोधन

पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पर्यटन नीति में संशोधन किया है। इसके जरिए लघु उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 07 Dec 2018 11:26 AM (IST)
शक्तिपीठ सर्किट में शामिल हुआ विशालाक्षी मंदिर, पर्यटन नीति में किया गया संशोधन
शक्तिपीठ सर्किट में शामिल हुआ विशालाक्षी मंदिर, पर्यटन नीति में किया गया संशोधन

वाराणसी, (समीर तिवारी)। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पर्यटन नीति में संशोधन किया है। इसमें प्रदेश के कई नए स्थानों के विकास व लघु उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। इस संबंध में जारी शासनादेश के मुताबिक पर्यटन नीति में वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, मीरजापुर, सोनभद्र व भदोही के कई पौराणिक स्थल जोड़े गए हैं। इसके लिए बनाए गए शक्ति पीठ में जौनपुर के प्रसिद्ध मां शीतला चौकिया धाम सहित कुछ अन्य स्थानों को स्थान मिला है। बनारस में मीरघाट स्थित विशालाक्षी देवी मंदिर को इसमें शामिल किया गया है। इससे पहले सिर्फ सारनाथ ही पर्यटन नीति में शामिल था।

पर्यटन नीति में शामिल किए गए नए स्थानों पर निवेशकों को निवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा। इन स्थानों के 20 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में प्रोजेक्ट लगाने पर 12 से 20 फीसद तक सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही निवेशकों को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

क्राफ्ट सर्किट : इसमें बनारस से बनारसी साड़ी, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, स्टोन कारविंग को शामिल किया गया है। वहीं जौनपुर के जरी वर्क और मीरजापुर के पीतल बर्तन कारोबार को जोड़ा गया है।

जैन सर्किट : इसमें बनारस के पा‌र्श्वनाथ, श्रेयांसनाथ, सुपा‌र्श्वनाथ व चंद्रप्रभु से जुड़े स्थान को शामिल किया गया है।

सूफी-कबीर सर्किट : इस सर्किट में बनारस के कबीर जन्म स्थल लहरतारा आश्रम को शामिल किया गया है।

आध्यात्मिक सर्किट : इसमें गाजीपुर का संत रविदास स्थल पहले से शामिल है। अब मौनी बाबा आश्रम चोचकपुर तथा पवहारी बाबा आश्रम को भी जोड़ा गया है। वहीं चंदौली के कीनाराम आश्रम को सम्मिलित किया गया है। पर्यटन विभाग की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। शासन के इस निर्णय से निवेशक आकर्षित होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।-कीर्तिमान श्रीवास्तव, पर्यटन अधिकारी।