काशी की रामलीला: नाटी इमली का भरत मिलाप कल, देखनें जुटेंगे लाखों श्रद्धालु; आकाशवाणी पर होगा प्रसारण
नाटी इमली का विश्वप्रसिद्ध भरत मिलाप इस बार भी लाखों लोगों को आकर्षित करेगा। 13 अक्टूबर रविवार को शाम 4.40 बजे होने वाले इस भव्य आयोजन में काशिराज परिवार के अनंत नारायण सिंह हाथी पर सवार होकर अपने दल-बल के साथ शामिल होंगे। इस ऐतिहासिक भरत मिलाप को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। आकाशवाणी वाराणसी एफएम पर इस लीला का सजीव प्रसारण भी किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नाटी इमली का विश्वप्रसिद्ध भरत मिलाप 13 अक्टूबर रविवार की शाम 4.40 बजे भरत मिलाप मैदान में होगा। श्रीचित्रकूट रामलीला समिति काशी के व्यवस्थापक पं. मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि काशी का सर्वाधिक प्राचीन भरत मिलाप का यह मंचन ऐतिहासिक तो है ही, लक्खा मेलों में भी गिना जाता है।
इस बार लीला का 474वां संस्करण होगा। इसमें काशिराज परिवार के अनंत नारायण सिंह हाथी पर सवार होकर अपने दल-बल के साथ परंपरागत रूप से भरत मिलाप में शामिल होंगे। इसके लिए रामलीला समिति ने उन्हें विधिवत आमंत्रित किया है।
यह ऐतिहासिक भरत मिलाप देखने को शहर एवं आस-पास जिलों के लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। विदेशी मेहमान भी शामिल होते हैं। भगवान राम के पांच टन वजनी पुष्पक विमान को उठाने के लिए काशी के यादव बंधुओं ने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
बरेका स्थित मैदान में विजय दशमी पर रावण दहन के लिए खड़ा हो रहा रावण । जागरण
मान्यता है कि भरत ने संकल्प लिया था, यदि आज मुझे सूर्यास्त के पहले भगवान राम के दर्शन नहीं हुए तो प्राण त्याग दूंगा। 462 वर्ष पूर्व गोस्वामी तुलसीदास के शिष्य मेघा भगत ने भरत मिलाप लीला मंचन के अंत में मूर्छित होकर प्राण त्याग दिया था। इस मार्मिक दृश्य से अभिभूत होकर काशी नरेश के भरत मिलाप में सम्मिलित होने की परंपरा बन गई। यह लीला सूर्यास्त के पहले ठीक 4.40 बजे होती है। जैसे ही सूर्य की किरणें भरत मिलाप मैदान के एक निश्चित स्थान पर पड़ती हैं, भगवान राम और लक्ष्मण दौड़ कर भरत और शत्रुघ्न को गले लगाते हैं। भरत मिलाप होने के बाद प्रभु राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता सीता और वानरी सेना को रथ समेत यदुवंशी नाटी इमली बड़ा गणेश अयोध्या पहुंचाते हैं। इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में विजयरथ पर सवार होंगे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी, भव्य शोभायात्रा की करेंगे अगुवाई
श्रीरामलीला विशेषज्ञ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता संस्थान एवं विभाग के पूर्व निदेशक तथा अध्यक्ष प्रो. राम मोहन पाठक और पांडुरंग पुराणिक मुख्य लीला स्थल से, वेद प्रकाश मिश्र, डा. पवन कुमार शास्त्री लीलामार्ग से भरत मिलाप का आंखों देखा सजीव वर्णन प्रस्तुत करेंगे। इसे एआइआर एप के माध्यम से देश-विदेश में सुना जा सकेगा। यह जानकारी आकाशवाणी वाराणसी के केंद्र निदेशक डा. राजेश गौतम ने दी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मान्यता है कि भरत ने संकल्प लिया था, यदि आज मुझे सूर्यास्त के पहले भगवान राम के दर्शन नहीं हुए तो प्राण त्याग दूंगा। 462 वर्ष पूर्व गोस्वामी तुलसीदास के शिष्य मेघा भगत ने भरत मिलाप लीला मंचन के अंत में मूर्छित होकर प्राण त्याग दिया था। इस मार्मिक दृश्य से अभिभूत होकर काशी नरेश के भरत मिलाप में सम्मिलित होने की परंपरा बन गई। यह लीला सूर्यास्त के पहले ठीक 4.40 बजे होती है। जैसे ही सूर्य की किरणें भरत मिलाप मैदान के एक निश्चित स्थान पर पड़ती हैं, भगवान राम और लक्ष्मण दौड़ कर भरत और शत्रुघ्न को गले लगाते हैं। भरत मिलाप होने के बाद प्रभु राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता सीता और वानरी सेना को रथ समेत यदुवंशी नाटी इमली बड़ा गणेश अयोध्या पहुंचाते हैं। इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में विजयरथ पर सवार होंगे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी, भव्य शोभायात्रा की करेंगे अगुवाई
एफएम पर सुना जा सकेगा सजीव प्रसारण
विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली के भरत मिलाप का जीवंत प्रसारण आकाशवाणी वाराणसी एफएम से सुना जा सकेगा। 12 अक्टूबर को सायंकाल चार बजे से लीला की समाप्ति तक यह चलेगा। नाटी इमली स्थित मैदान में चल रही भरत मिलाप की तैयारी। जागरणश्रीरामलीला विशेषज्ञ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता संस्थान एवं विभाग के पूर्व निदेशक तथा अध्यक्ष प्रो. राम मोहन पाठक और पांडुरंग पुराणिक मुख्य लीला स्थल से, वेद प्रकाश मिश्र, डा. पवन कुमार शास्त्री लीलामार्ग से भरत मिलाप का आंखों देखा सजीव वर्णन प्रस्तुत करेंगे। इसे एआइआर एप के माध्यम से देश-विदेश में सुना जा सकेगा। यह जानकारी आकाशवाणी वाराणसी के केंद्र निदेशक डा. राजेश गौतम ने दी।