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विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस : सही उम्र में न शुरू हो माहवारी तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से लें परामर्श

विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस 2022 किशोरियों में अगर सही उम्र में माहवारी न शुरू हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकती हैं। इसके लिए जितना देर किया जाएगा बालिकाओं में उतनी ही दिक्‍कतें शुरू हो जाती हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 28 May 2022 06:56 PM (IST)
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सही उम्र में माहवारी न हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। माहवारी एक सामान्य शरीरिक प्रक्रिया है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई परिवर्तन होते हैं, वैसे ही किशोरियों के जीवन में माहवारी आना भी एक शारीरिक परिवर्तन है। माहवारी किशोरी में 10 से 12 वर्ष की आयु में शुरू होती है। इस प्रक्रिया में रक्त की परत टूट कर गिरती है तथा योनि में रक्तस्राव के रूप में बाहर निकल जाती है। यदि किशोरियों को माहवारी सही उम्र में न शुरू हो तो उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। यह कहना है साथिया केंद्र की नोडल अधिकारी प्रो. संगीता राय का। वह शनिवार 28 मई को ‘विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस’ पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर केके गुप्ता के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं।

कार्यक्रम का आयोजन नेशनल हेल्थ मिशन तथा ममता हेल्थ इंस्टीटयूट फार मदर एंड चाइल्ड (नई दिल्ली) के सहयोग से स्थापित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार एडोलसेंट हेल्थ एंड डेवलपमेंट (साथिया केंद्र) व सर सुंदरलाल चिकित्सालय बीएचयू के संयुक्त प्रयास से समाज में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया था। प्रो. राय ने बताया कि माहवारी की प्रक्रिया तीन से सात दिन होती है। यह दिवस खुल कर एक-दूसरे से बात करने हेतु और भ्रांतियों को दूर करने हेतु मनाया जाता है। प्रति वर्ष मई माह के 28 तारीख को मनाए जाने का कारण कि सामान्य माहवारी चक्र 28 दिनों का होता है।

कार्यक्रम में मानसिक रोग विभाग के प्रोफेसर जय सिंह यादव ने किशोरियों में माहवारी से पूर्व होने वाले तनाव तथा माहवारी के समय होने वाले दर्द के बारे में बताया। जिसे मेडिकल साइंस में प्री मेन्स्रुअल डिस्फोरिक डिसआर्डर कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आजकल यह समस्या किशोरियों में अत्यधिक देखने को मिल रही है। इससे किशोरियों को एक सामान्य जीवन जीने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अपने दैनिक जीवन शैली में परिवर्तन लाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में साथिया केंद्र के अरुण कुमार यादव, आकांक्षा सिंह तथा मजाहिर अब्बास हैदरी व देवेंद्र यादव की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

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