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World Physiotherapy Day : स्वास्थ्य ही नहीं रोजगार का भी बेहतर माध्यम फिजियोथेरेपी, बढ़ रही विद्यार्थियों की संख्या

चिकित्सीय क्षेत्र में फिजियोथेरेपी वरदान साबित हो रहा है।अस्थि रोग हो या स्पोर्ट का क्षेत्र फिजियोथेरेपी के बल पर ही दर्द पर काबू पाया जा रहा है। 1950 से आज तक में फिजियोथैरेपी के बहुत सारे विश्वविद्यालयों और कालेजों में बैचलर और मास्टर के कोर्स चल रहे है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 10:30 AM (IST)
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चिकित्सीय क्षेत्र में फिजियोथेरेपी वरदान साबित हो रहा है।
वाराणसी, शिवम सिंह : चिकित्सीय क्षेत्र में फिजियोथेरेपी वरदान साबित हो रहा है। चाहें वो अस्थि रोग हो या स्पोर्ट का क्षेत्र फिजियोथेरेपी के बल पर ही दर्द पर काबू पाया जा रहा है। न्यूरोलॉजी, प्रसूति रोग, बाल रोग, प्लास्टिक सर्जरी, कैंसर हो, चर्म रोग, वृद्धावस्था इत्यादि क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 1950 से आज तक में फिजियोथैरेपी के बहुत सारे विश्व विद्यालयों और कालेजों में बैचलर और मास्टर के कोर्स चल रहे है। यह कहना है बीएचयू के आर्थोपैडिक विभाग के फिजियोथेरेपिस्ट डा. एसएस पांडेय का।

फिजियोथेरेपी में लोगो की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए बढ़ी संख्या में विद्यार्थी इस कोर्स को करने के लिए अपना रुझान दिखा रहे है। फिजियोथेरेपिस्टों के लिए सरकारी नौकरी, प्राइवेट प्रैक्टिस, रिसर्च के क्षेत्र में एवं गैर सरकारी संगठनों में नौकरी व स्वरोजगार में काफी मांग बढ़ी है। फिजियोथैरेपी चिकित्सा के द्वारा मरीजों को अत्यधिक लाभ मिल रहा है।

इस चिकित्सा पद्धतिं के द्वारा मरीजों को किसी प्रकार का साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। मरीजों की दैनिक दिनचर्या को सुचारू रूप से चलने में सहायक है। विश्व फिजियोथेरेपी-डे ऐसे फिजियोथेरेपिस्टों के लिए एक सम्मान का दिन है। इन्हीं के द्वारा फिजियोथेरेपी चिकित्सा के माध्यम से समाज में मरीजों को ठीक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

यह दिवस सन 1951 से पूरे विश्व में हर के साथ मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भांति बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा संस्थान में इस बार भी फिजियोथेरेपी सिंपोजियम का आयोजन किया जा रहा है।

व्यस्त दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

बहुत सी ऐसी शारीरिक समस्याएं हैं, जो व्यस्त दिनचर्या एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण उत्पन्न होती है। समाज में बढ़ते रोगों के रोकथाम में फिजियोथेरेपी की सलाह महत्वपूर्ण हो जाती है।

दिन प्रतिदिन बढ़ रही ओस्टियोअर्थराइटिस की बीमारी

ओस्टियोअर्थराइटिस भी एक ऐसी बीमारी है, जिनसे पीड़ित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, मोबिलाइजेशन एवं इलेक्ट्रो थेरेपी चिकित्सा के माध्यम से फिजियोथेरेपिस्ट इसके निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

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