महाभैरवाष्टमी पर अष्ट भैरव प्रदक्षिणा यात्रा में न्याय के देवता भैरव की उपासना, आस्था में डूबी काशी
काशी में भैरव जयंती के मौके पर श्री लाट भैरव काशी यात्रा मण्डल की महाभैरवाष्टमी पर अष्ट भैरव प्रदक्षिणा यात्रा में न्याय के देवता भैरव की उपासना की गई। इस दौरान यात्रा के साथ ही उनकी पूजा भी की गई।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। काल भैरव जयंती के मौके पर काशी में श्री लाट भैरव काशी यात्रा मण्डल की महाभैरवाष्टमी पर अष्ट भैरव प्रदक्षिणा यात्रा में न्याय के देवता भैरव की उपासना की गई। मान्यताओं के अनुसार काशी में न्याय के देवता भैरव की उपासना उनकी जयंती के अवसर पर की गई। दुष्टों को दंड देने की मान्यता बाबा काल भैरव के स्वरूप की होने की वजह से काशी में उनकी पूजा की विशेष मान्यता है। न्यायाधीश की इसी मान्यता को लेकर काशी में सुबह से उनके पूजन और अनुष्ठान का क्रम जारी है।
बुधवार को महाभैरवाष्टमी के पावन पर्व पर श्री लाट भैरव काशी यात्रा मण्डल के तत्वावधान में अष्ट भैरव प्रदक्षिणा यात्रा की गयी। भैरव प्राकट्योत्सव के अवसर पर कज्जाकपुरा स्थित लाट भैरव मंदिर से यात्रा प्रारम्भ की गई।ब्रम्ह हत्या दोष के मुक्ति स्थल पौराणिक श्री कपाल मोचन कुंड के जल से सभी ने जलमार्जन किया। तत्पश्चात बाबा श्री के संमुख संकल्प लेकर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित भैरवाष्टकम का पाठ कर यात्रा प्रारम्भ किया। यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
डमरू नाद व शंख दल के साथ जय भैरव, बम भैरव, हर हर महादेव के गगनभेदी उद्गोष के साथ भक्तों ने असितांग भैरव, चंड भैरव, रुरु भैरव, क्रोधन भैरव, उन्मत्त भैरव, कपाल भैरव, भीषण भैरव, संहार भैरव सहित समीपवर्ती अन्य भैरव मंदिरों में दर्शन कर यात्रा संपन्न करेंगे। बाबा श्री को अष्ट भोग अर्पित किए जाएंगे। अष्ट भैरव के सम्मुख दीप जलाए गए।
शिवम अग्रहरि ने बताया कि भैरवनाथ न्याय के देवता हैं।कालों के काल महाकाल कहें जाने वाले बाबा भैरव नाथ की उपासना से भक्तों को काल के भय से मुक्ति मिलती हैं।काशीपुरी के स्वामी की वंदना से शोक, मोह, दैन्य, लोभ, कोप, ताप आदि का नाश होता है। यात्रा में मुख्य रूप से केवल कुशवाहा, विष्णुदास महाराज, संदीप कुशवाहा, उत्कर्ष कुशवाहा, धर्मेंद्र शाह, हिमांशु गुप्ता, दिनेश बाबा, रितेश कुशवाहा, मोहित, दीनदयाल, नरेंद्र प्रजापति, रविशंकर, जय प्रकाश राय, रमाकांत, नगीना, घनश्याम आदि रहे।