Yogi 2.0 Cabinet : मऊ से अरविंद कुमार शर्मा योगी मंत्रिमंडल में शामिल, निष्ठा का मिला फल
UP Yogi Adityanath Cabinet 2.0 Latest News गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री के काल में चर्चित नौकरशाह रहे अरविंद कुमार शर्मा भाजपा में एमएलसी भले रहे हों लेकिन पर्दे के पीछे से काफी बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। अब उनको योगी सरकार में मंत्री पद दिया गया है।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 06:49 PM (IST)
मऊ, जागरण संवाददाता। वर्ष 1988 बैच के आइएएस और गुजरात में वरिष्ठ नौकरशाह से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर एमएलसी बने अरविंद कुमार शर्मा को प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। मऊ जिले में पलिगढ के मूल निवासी अरविंद कुमार शर्मा पीएम नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं। गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वासपात्रों में शामिल पूर्वांचल के बड़े सियासी चेहरे के तौर पर अरविंद कुमार शर्मा को एमएलसी बनाया गया था। कोरोना संक्रमण काल में पीएम के निर्देश पर वाराणसी सहित पूर्वांचल में उन्होंने कोरोना संक्रमण के मामलों की निगरानी भी की थी।
उन्होंने शाम 4.45 बजे मंत्री पद की शपथ ली तो उनके गृह जनपद मऊ जिले में खुशी की लहर फैल गई। मऊ में उनके मंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही उनके समर्थकों में खूब उत्साह व्याप्त हो गया। उनका परिवार मऊ जिले में निवास करता है। योगी कैबिनेट में शामिल होने की जानकारी होने के बाद परिजनों और करीबियों में खूब खुशी का माहौल है। उनका पैतृक आवास पलिगढ़ न्याय पंचायत अंतर्गत काझाखुर्द ग्रामसभा में है।
19 नवंबर 1988 को आजमगढ़ जनपद से अलग होकर बने मऊ जिले की मिट्टी में जन्म लेने वाले किसी व्यक्ति को अब तक उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री होने का गौरव नहीं प्राप्त हुआ था, लेकिन कम दिनों की सियासत में ही देश के वरिष्ठ नौकरशाह और आइएएस अधिकारी से त्याग पत्र देकर एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा ने कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन होकर इतिहास लिख दिया है। प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में अपने लाल का मजबूत प्रतिनिधित्व देखने के लिए जिले की माताओं को 34 वर्ष की प्रतीक्षा करनी पड़ी है।
एके शर्मा मूल रूप से कांझाखुर्द गांव के रहने वाले हैं। उनका 1988 में वह गुजरात कैडर के आईएएस बने थे। 995 मेहसाणा के जिला मजिस्ट्रेट बनाए गए। 2001 में मुख्यमंत्री कार्यालय गुजरात के सचिव बना गए। 2001 में नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बन सत्ता में आने के बाद श्री शर्मा एक सचिव के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुए और केंद्र में स्थानांतरित होने से पहले 2014 तक वहीं रहे। शर्मा ने वडोदरा में जिला विकास अधिकारी, औद्योगिक विस्तार ब्यूरो के प्रबंध निदेशक और गुजरात इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड के सीईओ सहित विभिन्न पदों पर लंबे समय तक गुजरात सरकार में काम किए। 2008 में टाटा नैनो प्लांट को पश्चिम बंगाल के सिंगूर से गुजरात के साणंद ले जाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जल्द ही उनके काम ने उन्हें मोदी के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक बना दिया।
2014 में वह पीएमओ कार्यालय में संयुक्त सचिव बनाए गए। 2017 में अतिरिक्त सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया। पीएमओ में अपने लंबे कार्यकाल के बाद, शर्मा को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया था। 2021 में 11 जनवरी को श्री शर्मा ने अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लिया। 13 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया था। 20 जनवरी को एमएलसी बनाए गए थे। इसके बासद 19 जून को भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए। उन्हें मंत्री बनाए जाने के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है। चौतरफा खुशियां व्याप्त है। वहीं घर पर धाई देने वालों का तांता रात तक लगा रहा।
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