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Dhoni Almora Visit: धोनी ने अपने पैतृक गांव में दो दिन बिताने के बाद लोगों से लिया विदा, फलों के सीजन में लौटने के दिए संकेत

Mahendra Singh Dhoni दो दिन गृह जनपद में समय बिताने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने शुक्रवार को लमगड़ा क्षेत्र के लोगों से विदा ली। माही को गांव के बगीचों ने जमकर आकर्षित किया। इस बीच वह फलों के सीजन में फिर आने का संकेत दे गए। उन्होंने स्कूली बच्चों समेत लोगों से मुलाकात की। इसके बाद...

By yaseer khanEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 17 Nov 2023 07:07 PM (IST)
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धोनी ने अपने पैतृक गांव में दो दिन बिताने के बाद लोगों से लिया विदा

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा।  Mahendra Singh Dhoni: दो दिन गृह जनपद में समय बिताने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने शुक्रवार को लमगड़ा क्षेत्र के लोगों से विदा ली। माही को गांव के बगीचों ने जमकर आकर्षित किया। इस बीच वह फलों के सीजन में फिर आने का संकेत दे गए। उन्होंने स्कूली बच्चों समेत लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वह यहां से नैनीताल के लिए निकल गए।

हेलीकाप्टर शाट से देश-दुनिया में नाम कमाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) इन दिनों पत्नी साक्षी और बेटी के साथ कुमाऊं भ्रमण पर आए हुए हैं। बुधवार को वह 20 वर्ष बाद अल्मोड़ा के जैंती तहसील अंतर्गत अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे थे। वहां परिवार के लोगों के साथ मुलाकात और पूजा-पाठ करने के बाद वह लौट गए थे।

गोपनीय तरीके से वह लमगड़ा ब्लाक के ग्राम नाटाडोल स्थित एक होम स्टे में रुके हुए थे। इधर शुक्रवार को वह फिर ग्रामीणों से मिले। उन्होंने युवाओं और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। कुछ देर लोगों से बातचीत की। स्कूली बच्चों का अभिनंदन स्वीकारा। इसके बाद वह विदा लेकर नैनीताल के लिए निकल गए। इससे पूर्व बीते गुरुवार की भी उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की थी जबकि गांव में स्थित होम स्टे से सटे बगीचे में भी दिन बिताया था।

नाटाडोल के प्रधान प्रतिनिधि जीवन चंद्र ने बताया कि माही यहां फलों के बगीचों से काफी खुश थे। उन्होंने अप्रैल के बाद फलों के सीजन में यहां आने की बात कही है। वहीं गांव के सैम मंदिर में भी उन्होंने दर्शन किए थे।

पलायन को लेकर जताई चिंता

नाटाडोल गांव माही को जमकर पसंद आया। यहां की खूबसूरती ने उन्हें बार-बार यहां आने के लिए आकर्षित किया। प्रधान प्रतिनिधि जीवन चंद्र ने बताया कि गांव में भ्रमण के दौरान माही ने यहां के पलायन को लेकर चिंता जताई। युवाओं की घटती संख्या को लेकर वार्ता की। उन्होंने खेल मैदान के बारे में भी पूछा। वहीं बदहाल सड़क को लेकर भी वार्ता हुई। प्रधान ने बताया कि पूनागड़ से झेटी मोटरमार्ग होते हुए गांव पहुंचना पड़ता है। आठ किमी सड़क की हालत दयनीय है।

गांव में कब पकेंगे काफल

नाटाडोल गांव में बगीचे के बीच स्थित होम स्टे धोनी को खूब भाया। उन्होंने पहाड़ में काफल के बारे में जानकारी ली। काफल पैदा होने के समय को लेकर भी लोगों से जानकारी ली। यहां सेब, खुमानी, आड़ू, नाशपाती, पुलम जैसे फलों के बगीचे के बीच वह काफी सुकून से रहे।

आटोग्राफ से लेकर फोटोग्राफ तक का चला दौर

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाटाडोल से वापसी के दौरान आटोग्राफ से लेकर फोटोग्राफ तक का दौर चलता रहा। स्कूली बच्चों और युवाओं के साथ माही ने फोटोग्राफ लिए। जबकि लोग उनसे आटोग्राफ भी लेते दिखाई दिए।

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