Almora News: भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट, दोहरी नागरिकता वालों पर कड़ी नजर; स्कैन कर हो रही चेकिंग
Almora News एसएसबी क्षेत्रक मुख्यालय अल्मोड़ा के उप महानिरीक्षक डीएन भोम्बे ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 254 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर कालापानी से लेकर टनकपुर तक कुल 54 बार्डर आउट पोस्ट है। सीमा पर अत्याधुनिक उपकरणों से सुरक्षा की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पर नजर है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 24 Oct 2023 10:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। सशस्त्र सीमा बल के क्षेत्रक मुख्यालय अल्मोड़ा के उप महानिरीक्षक डीएन भोम्बे ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर दोहरी नागरिकता के मामले सामने आए हैं। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन व आगामी चुनाव को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट किया गया है। सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों व स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है।
एसएसबी क्षेत्रक मुख्यालय अल्मोड़ा के उप महानिरीक्षक डीएन भोम्बे ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 254 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर कालापानी से लेकर टनकपुर तक कुल 54 बार्डर आउट पोस्ट है। सीमा पर अत्याधुनिक उपकरणों से सुरक्षा की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। वहीं धारचूला, झूलाघाट में सामान को मशीनों के माध्यम से स्कैन कर चेकिंग की जाती है।
अवैध गतिविधियों पर रखी जा रही है नजर
डीएन भोम्बे ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर हर प्रकार की अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अभी सीमा गांवों में कुछ मामले दोहरी नागरिकता संबंधी सामने आए हैं। जिस पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर तीन मोटर पुल बन रहे हैं। जिसके बाद आवागमन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।यह भी पढ़ें: DSC Recruitment 2023: रिटायर्ड फौजियों को देशसेवा का एक और मौका, एक नवंबर से शुरू होगी डीएससी भर्ती
मानव तस्करी पर होगी कार्रवाई
डीआइजी भोम्बे ने कहा कि मानव, वन्यजीव तस्करी आदि रोकने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। मानव तस्करी को रोकने के लिए एक अलग से टीम बनाई गई है। जो ऐसे मामलों को देखती है। सीमा क्षेत्रों पर जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं।एसएसबी के चिकित्सक कर रहे इलाज
डीआईजी एसएसबी के डीआईजी डीएन भोम्बे ने कहा कि सीमा से लगे गांवों में चिकित्सक ग्रामीणों का इलाज भी करते हैं। तीन बटालियन पिथौरागढ़, डीडीहाट, चंपावत बटालियनों में प्रत्येक में दो चिकित्सक हैं। जो गांव में जाकर लोगों का इलाज करते है और निश्शुल्क दवाइयां भी वितरित करते हैं। इसके अलावा पशु चिकित्सक भी समय-समय पर गांव में जाते हैं। सरकार के माध्यम से चलाए जाने वाले शिविरों में भी यह चिकित्सक भाग लेते हैं।
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