चीन-नेपाल की सीमा और भौगोलिक जटिलताओं से घिरा हुआ है अल्मोड़ा, बेहद दिलचस्प है यहां की राजनीति
Lok Sabha Election 2024 Almora चार जिले व दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खुद में समेटे हुए है अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र। इसका दायरा लिपुलेख दर्रे तक है। भौगोलिक तौर पर जटिलताएं हैं और राजनीतिक तौर पर देखें तो इसका अपना इतिहास रहा है। विंद बल्लभ पंत हरगोविंद पंत और मुरली मनोहर जोशी जैसी शख्सियतों का नाता इस संसदीय क्षेत्र से रहा है।
चंद्रशेखर द्विवेदी, अल्मोड़ा। चार जिले व दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खुद में समेटे हुए है अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र। इसका दायरा लिपुलेख दर्रे तक है। भौगोलिक तौर पर जटिलताएं हैं और राजनीतिक तौर पर देखें तो इसका अपना इतिहास रहा है।
गोविंद बल्लभ पंत, हरगोविंद पंत और मुरली मनोहर जोशी जैसी शख्सियतों का नाता इस संसदीय क्षेत्र से रहा है। सामाजिक तौर पर यहां विविधता व परंपराएं दिखती हैं और लोक जीवन उनमें रमा दिखता है। पिथौरागढ़ जिले का धारचूला-मुनस्यारी जनजातीय क्षेत्र है।
भौगोलिक परिदृश्य अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत जिलों को मिलाकर एक संसदीय सीट। 275 किमी लंबी नेपाल सीमा पिथौरागढ़ और चंपावत को छूती है। जबकि, 136 किलोमीटर लंबी चीन सीमा भी पिथौरागढ़ जिले से जुड़ती है।
नेपाल सीमा पर सात पैदल पुल के अलावा सीतापुल, धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी, झूलाघाट, ढोडा व टनकपुर में झूलापुल है। बनबसा में मोटरपुल बना है। चीन सीमा से लगा क्षेत्र उच्च हिमालयी है।
अल्मोड़ा जिले से अलग होकर 24 फरवरी 1960 को पिथौरागढ़ जिला बना। वहीं, 15 सितंबर 1997 को बागेश्वर व चंपावत जनपद अस्तित्व में आए। अल्मोड़ा आबादी के लिहाज से भले ही यह संसदीय क्षेत्र अन्य से छोटा है, लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो 14,260 वर्ग किमी में फैला हुआ है।
सामाजिक ताना-बाना अल्मोड़ा संसदीय सीट पर विविधता है। सभी वर्ग-जातियों के लोग यहां रहते हैं। मुख्य रूप से यहां हिंदू बहुल जनसंख्या है। जातीय समीकरण के अनुसार 45 फीसद राजपूत, 23 फीसद ब्राह्मण व 27 फीसद दलित समुदाय है। इसके अलावा सात फीसद में जनजाति, अल्पसंख्यक व अन्य समुदाय शामिल है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।