पारा चढ़ने के साथ बढ़ने लगा पेयजल संकट
पारा चढ़ने के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है, जिस कारण तमाम गांवों के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 21 Mar 2018 11:11 AM (IST)
रानीखेत, अल्मोड़ा [जेएनएन]: पारा चढ़ने के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है, जिस कारण तमाम गांवों के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में गांव के लोग प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर है। सिर पर पानी ढोकर घर तक ले जाना मजबुरी बन चुका है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर पिलखोली क्षेत्र में पेयजल संकट काफी बढ़ चुका है। घरों में पानी की बूंद ना टपकने से लोगों को जामड़ स्रोत से आने वाले पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। स्टेट हाईवे पर लगे इस स्टेन पोस्ट पर सुबह से शाम तक भीड़ लगी रहती है। स्कूल से आने के बाद बच्चे भी पानी की व्यवस्था में जुट जाते हैं।स्थानीय तारा देवी, चंद्रा देवी, ममता देवी, शांति देवी आदि के अनुसार पानी न मिलने से करीब 400 आबादी क्षेत्र को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्टेन पोस्ट से सिर पर पानी ढोकर घर तक पहुंचाना पड़ता है।
कई बार पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की गई तो सड़क पर उतर आंदोलन किया जाएगा।
कनिष्ठ अभियंता (जल संस्थान रानीखेत) मनोज पांडे का कहना है कि पिलखोली बाजार क्षेत्र में ग्राम समूह की योजना से पानी आता है। ज्योग्याड़ी, जैनोली व पिलखोली गांव में विभाग की योजना से आपूर्ति की जाती है। यदि संकट बढ़ेगा तो टैंकरों से पानी की व्यवस्था की जाएगी। तहसील में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है।
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