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Mahashivratri 2024: जागेश्वर धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सरयू नदी के जल से हुआ भोलेनाथ का जलाभिषेक

Mahashivratri 2024 वृद्ध जागेश्वर धाम में भी सुबह से ही दूर दूर गांवों से शिवभक्तों का आगमन शुरू हो गया था। दिन क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ रही। शिवालयों में दूर दूर गांवों से आए लोगों ने शिवार्चन जलाभिषेक और पार्थिव पूजन किया। प्राचीन उर्धेश्वर महादेव मंदिर में एक दिन पहले से ही क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भंडारे का आयोजन किया था।

By ganesh pandey Edited By: Swati Singh Updated: Fri, 08 Mar 2024 04:58 PM (IST)
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अल्मोड़ा के बेतालेश्वर मंदिर में भी लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।जागरण

संवाद सहयोगी, दन्यां। महा शिवरात्रि पर्व पर प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में गत रात्रि से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। अपनी बारी का इंतजार करने के लिए लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा। दोनों मंदिरों में दन्यां थाने से पुलिस के जवानों की भी तैनाती की गई थी।

वृद्ध जागेश्वर धाम में भी सुबह से ही दूर दूर गांवों से शिवभक्तों का आगमन शुरू हो गया था। दिन क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ रही। शिवालयों में दूर दूर गांवों से आए लोगों ने शिवार्चन, जलाभिषेक और पार्थिव पूजन किया। प्राचीन उर्धेश्वर महादेव मंदिर में एक दिन पहले से ही क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भंडारे का आयोजन किया था।

सरयू नदी के जल से किया जलाभिषेक

सरयू नदी के किनारे स्थित रामेश्वर, मानेश्वर, आरेश्वर, जटेश्वर आदि शिवालयों में लोगों ने नदी में स्नान करके बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। लोगों ने सरयू नदी के जल से ही भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा इलाका गूंज उठा।

भोले बाबा की सवारी नंदी बैल की भी हुई पूजा अर्चना

उर्धेश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्थित भगवान शंकर की प्रिय सवारी नंदी बैल की भी महिलाओं ने पूजा अर्चना की। अपनी अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए महिलाओं ने उर्धेश्वर महादेव परिसर और जागनाथ मंदिर परिसर में स्थित विभिन्न मंदिरों में दीपक जलाते हुए पूजा अर्चना की।

अल्मोड़ा के शिवालय में उमड़ी भीड़

जिले भर में महाशिवरात्रि का पर्व शुक्रवार को श्रद्धा, भक्ति के साथ उल्लास पूर्वक मनाया गया। लोगों ने शिवालयों में जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि व निरोगी काया का आशीर्वाद मांगा। शिव मंदिरों में दिन भर ओम नमो शिवाय मंत्र गुंजायमान रहा। मंदिरों में भजन-कीर्तन के माध्यम से दिन भर देवों के देव महादेव की महिमा का गुणगान किया गया। ब्रह्ममुहूर्त से ही शिवालयों में पूजन-दर्शन का क्रम शुरू हुआ। जो देर सायं तक जारी रहा। मौसम भी श्रद्धालुओं के लिए मेहरबान बना रहा। जागेश्वरधाम,वृद्धजागेश्वर, बद्रेश्वर, बेतालेश्वर, लक्ष्मेश्वर, बालेश्वर, नर्मदेश्वर, पातालदेवी, कमलेश्वर, विश्वनाथ, नंदादेवी स्थित पार्वतीश्वर, उद्योतचंदेश्वर, पावनेश्वर मंदिर पुभाऊं, कसारदेवी स्थित महादेव मंदिर तथा एनटीडी शिवालय, कपिलेश्वर समेत अन्य शिव मंदिरों में लोगों ने भगवान शिव का जल व दूध से अभिषेक किया।

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