Fire in Uttarakhand Forest : उत्तराखंड के जंगलों में आग की दस्तक; नहीं ढूंढा कोई उपाय तो क्यों आएंगे सैलानी
Fire in Uttarakhand Forest उत्तराखंड यूं तो अपने मौसम की वजह से जाना जाता है। दूर दराज क्षेत्रों से सैलानी केवल यहां मौसम का लुत्फ उठाने आते हैं। वहीं गर्मी के कारण अब उत्तराखंड के जंगलों में आग ने दस्तक दे दी है। आग से कई शहरों के जंगल जल गए और इस आग से कई जानवर भी जलकर मर गए।
By Mohammed AmmarEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Sat, 24 Jun 2023 03:24 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंपावत : पिछले दो दिनों में हुई वर्षा के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तराखंड में प्रवेश कर गया है। शनिवार को मौसम विभाग ने इसकी घोषणा कर दी। किसानों व आमजन के साथ वन विभाग के लिए भी यह राहत वाली बात है। वर्षा होने से वनाग्नि की घटनाएं थमेंगी।
सबसे ज्यादा जले अल्मोड़ा के जंगल
15 फरवरी को फायर सीजन शुरू होने के बाद कुमाऊं मंडल में वनाग्नि की सर्वाधिक घटनाएं अल्मोड़ा डिविजन में सामने आईं। सीमांत पिथौरागढ़ डिविजन दूसरे नंबर पर है। सीमांत चंपावत जिले में वनाग्नि की घटनाएं सबसे कम हुई। नुकसान के मामले में हल्द्वानी डिविजन के बाद चंपावत दूसरे नंबर पर है।
बारिश कम होने से भी बढ़ी चिंता
शीतकाल में जनवरी व फरवरी के दौरान इस बार कम वर्षा हुई। मार्च से मई के बीच पोस्ट मानसून अवधि में सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक वर्षा देखते को मिली।मार्च व अप्रैल में नियमित अंतराल पर वर्षा होने से इस अवधि में वनाग्नि की घटनाएं बहुत कम हुई। मई में वर्षा का सिलसिला थमने लगा। फिर जून में भी वर्षा के लिए तरसना पड़ा है। एक से 22 जून के बीच उत्तराखंड में सामान्य की अपेक्षा 43 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
113 घटनाएं केवल अल्मोड़ा के जंगलों में
बढ़ते तापमान के बीच नमी कम होने से वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि देखी गई। इसे देखते हुए वन विभाग ने 15 जून को फायर सीजन समाप्त होने के बाद भी क्रू स्टेशनों को सक्रिय रखने के साथ वनाग्नि बुझाने के लिए नियुक्त अस्थायी कर्मचारियों को भी सेवा में बनाए रखा।इस बार अल्मोड़ा वन प्रभाग में आग लगने की सर्वाधिक 113 घटनाएं हुई। इसमें वन विभाग के अलावा सिवल सोयम, वन पंचायत क्षेत्र का 152.8 हेक्टेयर जंगल जला। इससे 4.77 लाख से अधिक का नुकसान हुआ। पिथौरागढ़ जिले में 104 घटनाओं से 111 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जला और करीब 2.98 लाख की क्षति हुई। चंपावत जिले में 25 घटनाओं में 15.52 हेक्टेयर जंगल जला, जबकि 34,160 रुपये की क्षति दर्शाई है। सबसे कम 27,760 रुपये का नुकसान हल्द्वानी वन प्रभाग को हुआ है।
कुमाऊं मंडल के प्रमुख वन डिविजन में आग की घटनाएंडिविजन घटनाएं जंगल जला (हेक्टेअर) क्षति (रुपये में)नैनीताल 27 22.5 65,500अल्मोड़ा 113 152.8 4,77,100अल्मोड़ा (सिसो) 30 40.95 1,17,850बागेश्वर 51 73.0 2,19,000पिथौरागढ़ 104 111.15 2,98,650चंपावत 25 15.52 34,160
हल्द्वानी 35 27.36 27,760रामनगर 34 37.09 59,100(नोट: सिसो-सिविल सोयम)चंपावत के लिए यह साल राहत भरा रहा। वनाग्नि की घटनाएं कम हुई। वर्षाकाल में जंगलों में आग लगने की घटनाएं थम जाती हैं। वन विभाग के लिए यह राहत की बात होगी। हरियाली बढ़ेगी। नए लगाए पौधों का जमाव होगा।-आरसी कांडपाल, प्रभागीय वनाधिकारी चंपावत
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।