Karwa Chauth 2023: करवा चौथ कल, सुहागिनों ने की तैयारी, दुल्हन की तरह सजा बाजार
Karwa Chauth 2023 करवा चौथ का व्रत महिलायें अपनी पतियों के लंबी उम्र के लिए करती हैं। यह त्योहार हर साल मनाया जाता है। इस दिन महिलायें दिनभर बिना अन्न और जल के व्रत रखी हैं और शाम को छलनी से चांद को देखकर (Karwa Chauth Moonrise Time) अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन सुहागिनों को चांद के दीदार का बेसब्री से इंतजार रहता है।
डीके जोशी, अल्मोड़ा। विवाहित महिलाओं की ओर से अखंड सौभाग्य की कामना के लिए करवा चौथ (Karwa Chauth) का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। इसके लिए मुख्यालय समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं सोमवार को बाजार पहुंची। उन्होंने पूजा के लिए आवश्यक सामान की खरीदारी की। इससे बाजार में दिन भर चहल पहल बनी रही।
पर्व को लेकर व्यापारियों के चेहरे भी खिले रहे। व्यापारियों ने भी अच्छे व्यापार की उम्मीद में गुणवत्तायुक्त सामग्री मंगाई है। मुख्यालय के लाला बाजार से लेकर पल्टन बाजार तक की कई दुकानें करवा चौथ व्रत संबंधी सामग्री से सजाई गई हैं। बाजार में नए-नए डिजाइन की चूड़ियां, हार व अन्य सामग्री उतारी गई है।
बाजार में दिखी महिलाओं की भीड़
सोमवार को बाजार पहुंची महिलाओं ने करवा चौथ पूजन सामग्री सींक, करवा समेत फल व मिठाई आदि खरीदी। वहीं ब्यूटी पार्लर में भी महिलाओं की भीड़ रही। करवा चौथ को लेकर कपड़ा व्यवसायियों के वहां भी भीड़ देखी गई। महिलाओं ने सजने-संवरने के लिए नए-नए डिजाइन की साड़ियां खरीदी। व्यापारी भाष्कर साह ने बताया कि ऐपण वाली थाली महिलाओं को खूब लुभा रही है। वहीं श्रृंगार युक्त सामग्री के प्रति भी महिलाओं में खासा रुझान है।
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पहाड़ में भी है करवा चौथ का क्रेज
यूं तो पहाड़ में अधिकांश महिलाएं सौभाग्य की कामना के लिए ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली वट सावित्री अमावस्या का व्रत करती हैं। इधर पिछले कुछ वर्षों से अब पहाड़ में भी करवा चौथ व्रत का प्रचलन बढ़ चला है।
क्यों मनाते हैं करवा चौथ
पंडित जीवन तिवारी का कहना है कि वट सावित्री पर्व व करवा चौथ पर्व का एक ही महात्म्य है। करवा चौथ का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।