दहेज हत्या के दोषी मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा
दहेज हत्या के एक मामले में सत्र न्यायधीश ने मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त को सजा के साथ-साथ 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी देना होगा।
अल्मोड़ा, [जेएनएन]: दहेज हत्या के एक मामले में सत्र न्यायधीश ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त को सजा के साथ-साथ 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी देना होगा। जबकि अभियुक्त की माता सरस्वती देवी को भी दो साल की सजा और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आशा देवी पुत्री लीलाधर निवासी ग्राम रतलेख, स्याल्दे का विवाह पंद्रह मई 2015 को दीपक रिखाड़ी पुत्र शिव दत्त रिखाड़ी निवासी गोलना के साथ ङ्क्षहदू रीति रिवाज के साथ हुआ था। पच्चीस जुलाई 2017 को संदिग्ध हालत में आशा की मौत हो गई।
इसके बाद मृतका की मां देवकी देवी ने अभियुक्त समेत उसकी माता सरस्वती देवी के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा पटवारी क्षेत्र कुमालेश्वर में दर्ज कराया। इस मामले सत्र न्यायधीश डा. ज्ञानेंद्र शर्मा दोनों अभियुक्तों को दोषी पाया था। सत्र न्यायधीश डॉ. ज्ञानेंद्र शर्मा ने दोषी दीपक रिखाड़ी और उसकी माता सरस्वती देवी को सजा सुनाई।
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